मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। सार्वजनिक स्वास्थ्य को मजबूत करने और अपने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए एक निर्णायक कदम के रूप में, कछार जिला स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक व्यापक अभिसरण बैठक बुलाई, जिसमें तीन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पहलों - विश्व जनसंख्या पखवाड़ा 2025, डायरिया रोको अभियान 2025 और जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के खिलाफ गहन तैयारियों के लिए रणनीति बनाने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया। उच्च स्तरीय बैठक में दबावपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में एक सहयोगी, बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के लिए जिले की प्रतिबद्धता को दर्शाया गया।
बैठक में दीपा दास एसीएस शाखा अधिकारी (स्वास्थ्य); डॉ. शिबानंद रॉय, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं; डॉ. मोइनल हक बरभुइया, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी; जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रत्ना चक्रवर्ती, सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की उप अधीक्षक डॉ. आयशा बेगम, सभी बीपीएचसी के एसडीएम एवं एचओ, तथा डीपीएमयू, एनएचएम कछार के अंतर्गत बीपीएमयू, शिक्षा, समाज कल्याण, एएसआरएलएम, जल जीवन मिशन, एनवाईकेएस और कई निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
डॉ. रत्ना चक्रवर्ती ने 1 जुलाई से टीबी मुक्त भारत पहल की शुरुआत की घोषणा की, जिसका उद्देश्य टीबी के लक्षणों की बड़े पैमाने पर जांच करना तथा निदान किए गए लोगों को मुफ्त उपचार प्रदान करना है, जिससे टीबी को खत्म करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को बल मिलेगा। डॉ. शिबानंद रॉय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जेई जैसे लक्षण तो बताए गए हैं, लेकिन हाल ही में एक मामले में मौत का कारण मेनिन्जाइटिस पाया गया। फिर भी, सभी सरकारी तथा निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को बुखार के किसी भी मामले की तुरंत रिपोर्ट करने, जेई के लिए आवश्यक जांच करने तथा त्वरित हस्तक्षेप के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।
बैठक में चाय बागान श्रमिकों के लिए मजदूरी मुआवजा योजना के तहत प्रगति का जायजा लिया गया, पीएमजेएवाई (आयुष्मान भारत कार्ड) के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया की समीक्षा की गई और स्वास्थ्य सुविधाओं के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) प्रमाणन की तैयारियों का आकलन किया गया, जिससे जिले के सभी मोर्चों पर स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को मजबूत करने पर अटूट ध्यान केंद्रित करने का प्रदर्शन हुआ।