मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। धोलाई के दो अलग-अलग इलाकों से एक ही दिन दो विशालकाय अजगर बचाए गए। दोनों अजगरों को सुरक्षित वन विभाग को सौंप दिया गया है। इस घटना ने जहाँ एक ओर राहत दी है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण असंतुलन को लेकर नई चिंताएँ भी पैदा कर दी हैं।
पहला अजगर क्षेत्र के दारमी में बचाया गया। एक स्थानीय व्यक्ति मछली पकड़ने के लिए दारमी नहर में जाल छोड़ गया था। जाल उठाते समय, जाल में एक विशालकाय अजगर फँसा देखकर वह चौंक गया। जैसे ही यह खबर तेज़ी से फैली, दारमी चानमारी क्षेत्र में उत्सुक लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोग इकट्ठा हुए और सावधानी से साँप को पानी से बाहर निकाला। गनीमत रही कि साँप ने किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया। बाद में मनियारखाल के वन विभाग के कर्मचारियों को सूचित किया गया। वन विभाग के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुँचे और अजगर को बचाकर उसके प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया। असम-मिज़ोरम सीमा पर धनीपुर इलाके से एक और विशालकाय अजगर को बचाया गया। आबादी वाले इलाके में घूमते देख स्थानीय लोगों ने उसे बचाकर हवाईथांग रेंज कार्यालय में वन विभाग को सौंप दिया। एक ही दिन में दो विशालकाय अजगरों के रेस्क्यू होने से स्थानीय लोगों में एक नई चर्चा छिड़ गई है। उनके अनुसार, वन्यजीवों के इस तरह इलाके में आने के पीछे कई गंभीर कारण हैं, जिनकी जड़ में इंसानों की लापरवाह गतिविधियाँ हैं।