मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा द्वारा देशभर में वीर शहीदों की स्मृति में निकाली गयी रेजांगला रज कलश यात्रा शनिवार को असम के सिलचर पहुंची। असम प्रदेश यादव महासभा और प्रांतीय युवा यादव महासभा ने जोरदार स्वागत किया। रविवार, 29 जून को सिलचर, मेहरपुर स्थित शिव मंदिर से सुबह नौ बजे से भव्य रज कलश यात्रा की शुरुआत होगी। समूचे कछार में भ्रमण पश्चात लखीपुर के पैलापुल में भव्य सभा का आयोजन भी रखा गया। आज यहां बराक चाय श्रमिक यूनियन के सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी साझा की गई। यादव महासभा का केंद्रीय नेतृत्व एवं प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों की उपस्थिति में रज कलश यात्रा का आयोजन एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया।
संवाददाता सम्मेलन को अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के उपाध्यक्ष तथा उड़ीसा प्रदेश अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार दास यादव, महासचिव रमेश राव पायलट, संगठन मंत्री, नार्थ ईस्ट तथा झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष पीतांबर दास यादव सहित असम यादव महासभा के पूर्व अध्यक्ष कुंजबिहारी ग्वाला, आजीवन सदस्य सुवचन ग्वाला, प्रदेश युवा यादव महासभा के अध्यक्ष भोलानाथ यादव ने संबोधित किया। इसके अलावा रज कलश यात्रा के संयोजक रत्नेश्वर ग्वाला, संयोजक चंद्रशेखर ग्वाला, सह - संयोजक पप्पू यादव समेत जय प्रकाश ग्वाला, पन्ना लाल यादव, रजत घोष, लालन प्रसाद ग्वाला आदि की उपस्थिति रही। बताया गया कि 13 अप्रैल 2025 को बिहार के छपरा जिले से इस पवित्र यात्रा की शुरुआत हुई है। इसका समापन रेजांगला दिवस यानि 18 नवंबर 2025 को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक बड़े कार्यक्रम के रूप में होगा। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा द्वारा निकाली गई इस कलश यात्रा का उद्देश्य देशभर में भारत माता के वीर सपूतों की वीरता की दास्तान जन जन तक पहुंचाने के साथ साथ अलग से अहीर रेजिमेंट की स्थापना की मांग बुलंद करना भी है।
अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के महासचिव रमेश राव पायलट ने बताया कि भारत-चीन युद्ध के समय 17 नवंबर 1962 की रात और 18 नवंबर की सुबह 13 कुमाऊं रेजिमेंट के वीर सैनिकों ने 16000 फीट की ऊंचाई पर विकट परिस्थितियों में लड़ा गया युद्ध था। भारत-चीन युद्ध के समय लद्दाख के चुशूल सेक्टर में रेजांगला दर्रे पर यह लड़ाई लड़ी गई, जो भारतीय वीर सैनिकों की वीरता और बलिदान का प्रतीक बन गया। रेजांगला युद्ध में चीनी सेना को टक्कर देते हुए शहीद होने वाले कुमाऊं रेजिमेंट के ज्यादातर जवान अहीर समाज के थे। रेजिमेंट में अहीर समुदाय के लोगों की संख्या अधिक है। इसलिए उनके सम्मान में और अहीर समुदाय के वीर युवा देश के काम आएं इसलिए अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग हो रही है। देश के कई राज्यों में यह यात्रा संपन्न हो गई, शेष राज्यों को कवर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1969 से ही लगातार भारतीय सेना में अलग से अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग जारी है। जिस तरह से जातीय जनगणना की मांग पूरी हुई है, उसी तरह जरूर सरकार एक दिन भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की स्थापना करेगी यह आशा व्यक्त की।
पीतांबर दास यादव ने कहा कि यह ऐतिहासिक यात्रा देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए असम पहुंचा है। बराक घाटी की तीनों जिलों में यात्रा संपन्न कर आगे त्रिपुरा में भी उनका कार्यक्रम है। पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंचकर यात्रा का उद्देश्य रेजांगला के वीर अहीर सैनिकों की शौर्यगाथा को जन-जन तक पहुंचाना है। रेजांगला युद्ध विश्व की उन चुनिंदा लड़ाइयों में एक है, जिसकी वीरता आज भी मिसाल बनकर नयी पीढ़ी को प्रेरणा दे रही है। उन्होंने कहा अहीर रेजिमेंट की मांग उनकी पुरानी है। भारत सरकार बिना मांगे ही इसे देना चाहिए था, दुर्भाग्य है कि इसके लिए मांग करनी पड़ रही। अहीर समाज जाग चुका है।
असम प्रदेश युवा यादव महासभा के अध्यक्ष भोलानाथ यादव ने बताया कि मेहरपुर, शिव मंदिर सुबह 9 बजे से रज कलश यात्रा प्रारंभ होगी। बड़ी संख्या लोग सम्मिलित होंगे। बाइक रैली भी निकलेगी। शहर के विभिन्न इलाकों होते हुए अन्नपूर्णा ब्रिज पार कर मासिमपुर, डोलू, हातीचेरा, उधारबंद, काशीपुर, बद्रीबस्ती, पैलापुल, दिलखुश, डाक्टर बागान, बिन्नाकांदी, छोटा मामदा, खालकुड़ी, एनआईटी, सिलचर, बारिकनगर होकर पुनः समापन होगी। यात्रा के बीच पैलापुल में बड़ी सभा का आयोजन रखा गया है। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा द्वारा आयजित रज कलश यात्रा राज्य में असम प्रदेश यादव महासभा और युवा यादव महासभा के नेतृत्व में हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष राजदीप ग्वाला भी इस यात्रा में जुड़ेंगे।