नवीन की क्षणिकाएं

रामगोपाल निर्मलकर 'नवीन', शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 

सुहाग
पति-पत्नी में जहां 
होता है अनुराग,
सदा सलामत रहता है
सुहागन का सुहाग।
संतान
चले नेक की राह में 
बने सफल इंसान,
मात-पिता के नाम से
जानी जाये संतान।
साकार
मात-पिता करते सदा
बच्चों पर उपकार,
उनके ही आशीष से
हों सपने साकार।
व्यवहार
मीठी वाणी से मिटें 
मन के सभी विकार,
जीवन का आधार है
आपका व्यवहार।
मालवा मध्यप्रदेश

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