गौरव सिंघल, सहारनपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, एवं लघु एवं मध्यम विभाग के द्वारा प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के विकास हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना संचालित की जा रही है, जिसके अन्तर्गत पारम्परिक कारीगरों की अजीविका को सुधारने का सुदृढीकरण किया जायेगा। उपायुक्त उद्योग वीके कौशल ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत 10 दिवसीय कौशल वृद्धि प्रशिक्षण, अर्द्धकुशल श्रमिक के समान मानदेय प्रदान करना, टूलकिट वितरण की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस सम्बन्ध में बढ़ई, नाई, दर्जी, कुम्हार, लोहार, सुनार, राजमिस्त्री, हलवाई, धोबी, मोची एवं टोकरी बुनकर हेतु पात्र लाभार्थी योजना में आवेदन कर सकते है जिसका लाभ इसी वर्ष दिया जाएगा।
उपायुक्त उद्योग ने कहा कि योजना में आवेदन के लिए आवदेक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो। आवदेक आवेदित दस्तकारी से जुडा हों। योजना हेतु परिवार का एक ही सदस्य पात्र होगा। कारीगरी से जुडे होने का प्रमाण के रूप में ग्राम प्रधान, अध्यक्ष नगर पंचायत, नगर पालिका/नगर निगम के वार्ड के सदस्य द्वारा निर्गत प्रामण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह उक्त विषय का कारीगर है, परन्तु जिसके पास हस्तशिल्प पहचान पत्र होगा, उसे उक्त प्रमाण पत्र से मुक्त रखा गया है। इच्छुक अभ्यर्थी जोयोजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है अपना आवदेन पत्र www.diupmsme.upsdc.gov.in पर आनलाईन आवेदन कर सकते है।