शि.वा.ब्यूरो, नई दिल्ली। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पर्यवेक्षकों के लिए प्रशिक्षण का सातवां बैच आज यहां स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट में शुरू हुआ। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के बीएलओ, बीएलओ पर्यवेक्षकों, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों सहित प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित किया।
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक हैं कि चुनाव जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाएं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी रेखांकित किया कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागी आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24 (ए) के तहत डीएम, जिला कलेक्टर, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और धारा 24 (बी) के तहत राज्य, यूटी के मुख्य चुनाव अधिकारी के साथ प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के खिलाफ पहली और दूसरी अपील के प्रावधानों से खुद को परिचित करेंगे। उन्होंने बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों को भी अपने संवाद के दौरान मतदाताओं को इन प्रावधानों से अवगत कराने के लिए प्रोत्साहित किया।
उपनिदेशक पी.पवन ने बताया कि प्रशिक्षण प्रतिभागियों की व्यावहारिक समझ को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है, खासकर मतदाता पंजीकरण, फॉर्म हैंडलिंग और चुनावी प्रक्रियाओं के क्षेत्र-स्तरीय कार्यान्वयन के क्षेत्रों में प्रतिभागियों को आईटी उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिलेगा। अधिकारियों को मॉक पोल सहित ईवीएम और वीवीपैट का तकनीकी प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
बता दें कि 6-10 जनवरी 2025 तक विशेष सारांश संशोधन अभ्यास पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से कोई अपील दायर नहीं की गई थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश से 101, उत्तराखंड से 82, राजस्थान से 83 और हिमाचल प्रदेश से 84 कुल 353 जमीनी स्तर के चुनाव अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इसके साथ ही, पिछले दो महीनों में ईसीआई द्वारा नई दिल्ली में 3,350 से अधिक क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।