मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। हर साल की तरह इस साल भी भाषा शहीद स्टेशन शहीद स्मरण समिति सिलचर भाषा शहीद दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित कर रही है। मंगलवार को सिलचर स्टेशन परिसर में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि भाषाई आक्रामकता के खिलाफ 19 मई 1961 को बराक में एक विशाल विरोध आंदोलन किया गया था। अस्तित्व की इस लड़ाई में एक युवती समेत 11 लोग पुलिस फायरिंग में शहीद हो गए थे। बाद में 1986 में इसी मांग को लेकर घाटी में 4 और जवानों ने अपनी जान गंवाई थी। बराक की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने की मांग में 11 शहीदों के बलिदान के स्वर्णिम इतिहास की 64वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजकों ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इसके तहत 16 मई को सिलचर के लोग अमर उनिश का भव्य जुलूस निकालेंगे। 17 मई को 'हृदोये रवींद्रनाथ चेतनायो उनिश' शीर्षक से उनिश पदयात्रा निकाली जाएगी। 18 मई को दीवार और पथ चित्रकला, संगीत, कविता और नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। आज दोपहर बराक के तीन प्रमुख लोगों को तीन विशेष क्षेत्रों में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उनिश पदक से सम्मानित किया जाएगा। 19 मई को 19वीं शहीदों की वेदी पर पुष्पांजलि, वर्णमाला का अनावरण, रक्तदान शिविर, चित्रकला प्रतियोगिता, स्थानीय गांधीबाग शहीद मीनार पर 11वीं शहीदों की याद में दोपहर 2:35 बजे पुष्पांजलि अर्पित करना तथा शहर भर में एक मिनट का मौन रखना, साथ ही शाम को 11वीं के ग्यारह दीप जलाना, स्टेशन परिसर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, साथ ही बराक घाटी, गुवाहाटी तथा पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न स्थानों से आए अंतरराष्ट्रीय कलाकारों तथा विचारकों की उपस्थिति में विचार गोष्ठी तथा एक सुखद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, ऐसा आज आयोजकों ने बताया।
आयोजकों ने इस चार दिवसीय कार्यक्रम को सफल तथा सार्थक बनाने के लिए सभी से सहयोग मांगा है। प्रेस वार्ता में डॉ. राजीव कर, बाबुल होर तथा निखिल दास सहित एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।