शि.वा.ब्यूरो, आगरा। अप्साध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता का मानना है कि निरंतर बढ़ रही डमी प्रवेश की समस्या देश में एक गंभीर मुद्दा बन गई है, जिसके अंतर्गत छात्र नियमित विद्यालय के स्थान पर कोचिंग सेंटर में जाने लगते हैं। उन्होंने बताया कि सीबीएसई ने इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं, जिससे शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार हो सके और छात्रों को समग्र विकास का अवसर मिले।
अप्साध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने बताया कि सीबीएसई की ओर से सभी विद्यालयों को यह निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई भी विद्यालय डमी छात्रों को अपने यहाँ प्रवेश देता है, तो उस विद्यालय की संबद्धता रद्द कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रवेश लेने वाले छात्रों को बारहवीं की परीक्षा से निष्कासित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बोर्ड ने इस समस्त कार्यवाही के लिए अभिभावकों को भी समान रूप से उत्तरदायी बताया है। सीबीएसई द्वारा सभी विद्यालयों को यह निर्देश दिया गया है कि वे उपस्थिति संबंधी सभी निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करें और छात्रों को नियमित कक्षाओं में उपस्थित होने के लिए प्रोत्साहित करें।
इस संदर्भ में अप्साध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने सीबीएसई के इस निर्णय की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि इसी तरह के सकारात्मक एवं सख्त निर्देशों से डमी स्कूलों के बढ़ते हुए प्रचलन पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि जब छात्र नियमित रूप से विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करेंगे तो ज्ञानार्जन के साथ ही साथ विभिन्न खेलों एवं पाठ्यक्रम सहगामी गतिविधियों में उनकी सक्रिय सहभागिता होगी, जो आजकल बच्चों में निरंतर बढ़ रहे एकाकीपन, तनाव, निराशा, आक्रामकता आदि अवसादों से उन्हें दूर रखेगी, जिससे आत्महत्या की दर में कमी आएगी एवं छात्रों के बहुआयामी व्यक्तित्व का विकास हो सकेगा।