डाॅ.संजय कुमर अग्रवाल, मुजफ्फरनगर। शहर के श्मशान घाट के निकट स्थित त्रिपुरा सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर और प्राचीन सिद्ध पीठ देवी मंदिर, नदी रोड पर इस वर्ष महाकाल बटुक भैरव अष्टमी महोत्सव बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा-भाव से मनाया गया। तीन दिवसीय इस आयोजन में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल बटुक भैरव के प्रति अपनी अटूट आस्था व्यक्त की और मंदिर प्रांगण में भक्तिमय वातावरण बना। महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए पंडित सचिन शर्मा ने बताया कि महोत्सव की शुरुआत पहले दिन स्वस्तिवाचन, गणपति पूजन और ध्वजारोहण से हुई।
भगवान बटुक भैरव के विशेष पूजन और भैरव पाठ का आयोजन हुआ। दूसरे दिन मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना और भैरव स्तुति का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। तीसरे और अंतिम दिन रुद्राभिषेक, हवन और विशेष पूजा संपन्न की गई। इस दौरान मंदिर प्रांगण में भक्तों ने भगवान महाकाल बटुक भैरव की आराधना की और आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद भव्य महाआरती हुई, जिसमें भक्तों ने मंत्रोच्चारण और भव्य ध्वनि से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। आरती के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस महोत्सव का आयोजन हर वर्ष ब्रह्मलीन पूज्य गुरु पंडित श्री बालकृष्ण शास्त्री जी द्वारा स्थापित परंपरा के अनुसार किया जाता है। इस वर्ष के आयोजन के संयोजन में पंडित शिवम शर्मा, पंडित कृष्ण दत्त और सिद्ध पीठ के गुरु पंडित संजय कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गुरु पंडित संजय कुमार ने बताया कि महाकाल बटुक भैरव को शिव का उग्र और रक्षक स्वरूप माना जाता है। वे अपने भक्तों की सभी परेशानियों और संकटों से रक्षा करते हैं, साथ ही भय, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति प्रदान करते हैं। उनके पूजन से जीवन में शांति और समृद्धि का आगमन होता है। आमंत्रित भक्त जनों का स्वागत पंडित सोनू शांडिल्य ने किया।