बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार को अपने कर्मचारियों के लिए काम के अलग-अलग समय की घोषणा की। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कर्मचारियों से वाहनों में साथ आने-जाने (वाहन पूलिंग) और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को भी कहा गया है, इससे पहले दिल्ली सरकार और एमसीडी भी अपने दफ्तरों की टाइमिंग बदल चुकी है। दिल्ली में एक सप्ताह से जारी 'गंभीर' प्रदूषण स्तर के बाद वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन यह अब भी 'बहुत खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 376 दर्ज किया गया।
पर्यावरणविदों के अनुसार यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक निकाय ने 18 नवंबर को गंभीर प्रदूषण स्तर के चलते घर से काम करने, काम के अलग-अलग समय और सभी कार्यालय भवनों में वायुशोधक लगाने की मांग की थी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव को लिखे पत्र में सीएसएस फोरम ने कहा कि खराब वायु गुणवत्ता का कार्यस्थल उत्पादकता पर प्रभाव पड़ रहा है। कर्मचारियों को श्वसन संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, थकान के लक्षण महसूस हो रहे हैं।