जनपद में प्रदूषण फैलाने वाले कई प्लांट सील
शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि आज विभाग की कई टीमों द्वारा जनपद में स्थापित बुढ़ाना तहसील के गोयला गांव स्थित पायरोलिसिस प्लांट मै0 बी0 एण्ड बी0 सन्स कंपनी, मेरठ रोड स्थित पायरोलिसिस प्लांट मै0 माही ग्रीन अर्थ प्रोडक्ट, बुढ़ाना तहसील के ग्राम अलीपुर अटेरना स्थित पायरोलिसिस प्लांट मै0 श्री बालाजी प्रोसेस, बेगराजपुर स्थित पायरोलिसिस प्लांट मै0 जी0के0 कार्बन प्रा0लि0, बेगराजपुर स्थित पायरोलिसिस प्लांट मै0 जे0डी0 एन्टरप्राईजेज, बुढ़ाना तहसील के ग्राम उकावली स्थित पायरोलिसिस प्लांट मै0 रूद्रा एन्टरप्राईजेज, बुढ़ाना तहसील के ग्राम नगवा स्थित पायरोलिसिस प्लांट, बुढ़ाना रोड के गांव बायवाला स्थित मै0 अंशु कान्ट्रेक्टर, मै0 प्रीति बिल्डकाॅन प्रा0लि0 के खिलाफ कार्यवाही करते हुए हाॅट मिक्स प्लांट्स एवं वायु प्रदूषणकारी उद्योग टायर पायरोलिसिस प्लाटं को सील किया गया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह न जनमानस से भी अपील की है कि वे किसी भी दशा में कूडा यानी साॅलिड वेस्ट आदि को न जलायें और आयोग द्वारा जारी सिटीजन चार्टर में दिये गये निर्देशों का अनुपालन करते हुए वायुगुणता में अपेक्षित सुधार हेतु आवश्यक सहयोग करें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबन्धन आयोग द्वारा ग्रेडेड रेस्पोन्स एक्शन प्लान के अन्तर्गत जनपद में ग्रैप की स्टेज-4 प्रभावी है। उन्होने बताया कि जनपद में वायु प्रदूषण नियंत्रण किये जाने के उद्देश्य से क्षेत्र भ्रमण एवं निरीक्षण किये जा रहे हैं तथा धूल उत्सर्जन की रोकथाम हेतु हाॅट स्पाॅट एरियाज में निरन्तर एन्टी स्माॅग गन का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वाटर टैंकर्स के माध्यम से सडकों व सेंसिटिव जोन में पानी का छिडकाव कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रपै की स्टेज-4 के अन्तर्गत वायु प्रदूषणकारी स्रोतों पर नियंत्रण किये जाने हेतु निर्देश जारी किये हैं। 

बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार को अपने कर्मचारियों के लिए काम के अलग-अलग समय की घोषणा की। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कर्मचारियों से वाहनों में साथ आने-जाने (वाहन पूलिंग) और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को भी कहा गया है, इससे पहले दिल्ली सरकार और एमसीडी भी अपने दफ्तरों की टाइमिंग बदल चुकी है। दिल्ली में एक सप्ताह से जारी 'गंभीर' प्रदूषण स्तर के बाद वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन यह अब भी 'बहुत खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 376 दर्ज किया गया। 

पर्यावरणविदों के अनुसार यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक निकाय ने 18 नवंबर को गंभीर प्रदूषण स्तर के चलते घर से काम करने, काम के अलग-अलग समय और सभी कार्यालय भवनों में वायुशोधक लगाने की मांग की थी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव को लिखे पत्र में सीएसएस फोरम ने कहा कि खराब वायु गुणवत्ता का कार्यस्थल उत्पादकता पर प्रभाव पड़ रहा है। कर्मचारियों को श्वसन संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, थकान के लक्षण महसूस हो रहे हैं।



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