शिक्षकों ने डिजिटल उपस्थिति का विरोध करते हुए काली पट्टी बांधकर स्कूल में बच्चों को पढाया
गौरव सिंघल, नागल। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डिजिटल उपस्थिति का शिक्षकों ने विरोध शुरू करते हुए काली पट्टी बांधकर स्कूल में बच्चों को पढाया। शिक्षकों की तमाम यूनियन इसके विरोध में उतर आई है। बताते चलें कि सरकार को अध्यापकों द्वारा काफी विलम्ब से स्कूल पहुंचने एवं अनेक बार अगले दिन जाकर अपनी हाजिरी लगाने की शिकायतें मिल रही थी, जिस पर सरकार ने कठोर निर्णय लेते हुए शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति को डिजिटल कर दिया है। प्रदेश सरकार ने 8 जुलाई से परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थित डिजिटल माध्यम से करना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार की डिजिटल उपस्थिति के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद सहारनपुर  के निर्देश पर शिक्षकों ने बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर पढ़ाने का निर्णय लिया। 
बता दें कि सरकार द्वारा विद्यालयों में शिक्षकों को टेबलेट दिये गये हैं, जिससे तमाम सूचनाओं का आदान- प्रदान किया जाता है लेकिन अब सरकार इसका प्रयोग बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति के लिए प्रयोग करना चाहती है। तमाम संगठन डिजिटल उपस्थिति का विरोध कर रहे हैं, शिक्षकों को लग रहा है कि इससे दूर के विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों  के सामने समस्या आयेंगी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष स्वतंत्र कादियान ने कहा कि ज़िला अध्यक्ष संदीप सिंह पंवार के निर्देशन में आज ब्लॉक के सभी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने उच्च अधिकारियों द्वारा इस मामले में जबरन दोहरा मापदंड अपनाते का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि अधिकारी उनके ऊपर बेतुके आदेश थोप रहे हैं। जिन्हें लागू करने से पहले शिक्षकों की समस्त समस्याओं का निराकरण करते हुए परिषदीय शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। दूसरे केवल शिक्षकों पर ही यह आदेश लागू करना सरासर ना इंसाफी है, शिक्षकों से पहले अधिकारियों को भी इसके दायरे में लाया जाना चाहिए।
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