एसडी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलोजी में आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलोजी में आज एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी का विषय ‘‘दि फ्यूचर ऑफ आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श एंड सेमीकन्डक्टरः ट्रेड एंड प्रेडिक्सन रहा। संगोष्ठी का अयोजन हाइब्रीड मोड ऑनलाइन व ऑफलाइन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन ऑनलाईन मोड में हिन्दुस्तान टाईम्स नई दिल्ली के क्रिएटिव हेड राहुल देवएअर इंडिया के मैनेजर इंजी0 ओजस्वी वर्मा, फिसर्व एटलांटा अमेरिका के निदेशक सजल सिंगल,आईएचटी, कजाकिस्तान के सीनियर मैनेजर डा0 अजीत कुमार, प्रोक्योरमेंट का काॅन्टिनेंटल जर्मनी के निदेशक सुधांशु सिंह व ऑफलाईन मोड में मुख्य अतिथि-इंजी0 जी0सी त्रिपाठी, सीनियर मैनेजर, एमएसएमई, विशिष्ट अतिथि-इंजी0 राजकुमार, एक्जीक्यूटीव इंजीनियर, पावर ट्रांसमिशन, आगरा, विशिष्ट अतिथि-इंजी0 अनिल कुमार, एक्जीक्यूटीव इंजीनियर, इरीगेशन, सम्मानित अतिथि-इंजी0 बसंत कुमार गोयल, सेक्रेटरी, इंजीनियर्स क्लब व इंजी0 शिशिर गोयल तथा प्रबन्धन समिति से वाईस चेयरमैन विनोद कुमार, सचिव अनुभव कुमार व संस्था के निदेशक डा0 सिद्वार्थ शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया।

संस्था के सचिव अनुभव कुमार ने संगोष्ठी के मूल विषय पर प्रकाश डालते हुये कहा कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। बहुत से ऐसे काम है जो आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श के द्वारा हो रहे है जैसे-सेल्फ ड्राईविंग कार, गूगल मैप, फेस डिटेक्सन, वाईस रिकोगनाइजेशन, चैटबाॅट, ई-पेमेंट आदि। इस संगोष्ठी का उद्देश्य वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, उद्योग जगत और शिक्षाविदों को नवीनतम शोध निष्कर्ष प्रस्तुत करने के लिये एक मंच प्रदान करना है।
संस्था के निदेशक डा0 सिद्वार्थ शर्मा ने सभी आगन्तुक अतिथियों, मुख्य वक्ताओं व प्रतिभागीयों को धन्यवाद देते हुये कहा कि आज हम दैनिक कार्यों में क्लाउड कम्प्यूटींग का इस्तेमाल करते हैं। वहां पर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गई है। सुरक्षा प्रदान करने में आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन दिनों दुनिया भर में आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श का डंका बज रहा है। आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श आज एक चमकता हुआ कोर्स है इसका उद्देश्य ऐसे उपकरणों का निर्माण करना है जो बुद्धिमानी से और स्वतंन्त्र रूप से कार्य कर सके तथा हमारा काम आसान कर सके। उन्होने बताया कि संगोष्ठी में 72 शोधपत्र प्रस्तुत किये गये।
मुख्य अतिथि इंजी0 जी0सी त्रिपाठी ने कहा कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बोलबाला काफी बढ़ गया है. काम के लिए इसका इस्तेमाल काफी बढ़ चुका है। इस तकनीक का उपयोग महत्त्वपूर्ण समस्याओं से निपटने और राष्ट्र के समावेशी विकास के लिये किया जा सकता है। विशिष्ट वक्ता राहुल देव, क्रिएटिव हेड, हिन्दुस्तान टाईम्स, नई दिल्ली ने कहा कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श का उपयोग गहन विश्लेषण करने तथा फर्जी खबरों का पता लगाने के लिये किया जा सकता है। जैसपर जो आर्टिफिशयल इंटेलीजेन्श पर आधारित है का प्रयोग करके लेखन के लिये उपयोग किया जा रहा है। 
विशिष्ट वक्ता इंजी0 ओजस्वी वर्मा, मैनेजर, एअर इंडिया ने कहा कि जनरेटिव एआई समाधान बुकिंग, रद्दीकरण और पुष्टि जैसे दोहराव वाले और सामान्य कार्यों को स्वचालित करने में मदद करते हैं, और मानव एजेंटों के लिए अधिक जटिल और मूल्य-वर्धित बातचीत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बैंडविड्थ को मुक्त करते हैं। मुख्य वक्ता श्री सजल सिंगल, निदेशक, फिसर्व, एटलांटा, अमेरिका ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग पूरे उद्योग और शिक्षा जगत में किया गया है। इसके प्रयोग भाषा अनुवाद, छवि पहचान, निर्णय लेने, ई-कामर्स और कई अन्य क्षेत्रों में फैले हुये है। 
वक्ता डा0 अजीत कुमार, सीनियर मैनेजर, आईएचटी, कजाकिस्तान ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बहुत बड़ा फायदा यह है कि यह मैनयुअल त्रुटियों की संभावना को कम करने में मदद करता है। यह हमारे समाज और अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। वक्ता सुधांशु सिंह, निदेशक, प्रोक्योरमेंट का काॅन्टिनेंटल, जर्मनी ने बताया कि पिछले दो-तीन वर्षों से सेमीकन्डक्टर की खूब चर्चा हो रही है। इन्डस्ट्री के विकास के लिये यह एक अहम चीज बन चुकी है। भारत और अमेरिका ने इंडिया-यूएस पांचवी कमर्शियल डायलाॅग 2023 के दौरान सेमीकन्डक्टर सप्लाई चेन स्थापित करने के लिये एक एमओयू साइन किया। 

संगोष्ठी की आर्गेनाइजिंग कमेटी में डा0 नितिन गुप्ता, इंजी0 सचिन संगल, इंजी0 पारूल गुप्ता, इंजी0 विकुल कुमार, इंजी0 शिखा शर्मा व इंजी0 नितिशा त्यागी रहे। संगोष्ठी को सफल बनाने में सभी शिक्षकों व कर्मचारियों का सहयोग रहा।
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