भाजपा करेगी यूपी में हारी हुई सीटो पर समीक्षा, पार्टी नेतृत्व ने संगीत सोम व डाॅ.संजीव बालियान को मीडिया में बयानबाजी से बचने की दी नसीहत

 

शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा की करारी हार के बाद पार्टी नेतृत्व ने उन सभी सीटो की समीक्षा करने का मन बनाया है, जिन सीटों पर भाजपा की करारी हार हुई है। इसके लिए पार्टी नेतृत्व ने स्पेशल टीम का गठन किया है, जो सभी बिन्दुओं पर हार की समीक्षा करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चैधरी ने हारी हुई सीटों का ब्यौरा 15 जून तक तलब किया है। माना जा रहा है कि जहां-जहां भाजपा को लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है, वहां-वहां के भाजपा जिलाध्यक्षों की कुर्सी संकट में आ सकती है।

इसके साथ  पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चैधरी ने पूर्व सांसद संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम दोनों को मीडिया के सामने बयान बाजी करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस तरह से बयानबाजी करने से परहेज करने की नसीहत दी है। उनका मानना है कि पार्टी की बात पार्टी फोरम पर ही की जानी चाहिए, इस तरह मीडिया में बयानबाजी करने से पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है। 

बता दें कि लोकसभा में अपनी सांसदी गंवा चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी हार के लिए सरधनाक के पूर्व विधायक संगीत सोम को दोषी ठहराया था। उन्होंने संगीत सोम का नाम लिए बगैर उन्हें विभीषण और जयचंद तक की संज्ञा दे डाली थी। डाॅ. संजीव बालियान पर पलटवार करते हुए पूर्व विधायक संगीत सोम ने बीते दिवस मेरठ में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पूर्व सांसद डाॅ. संजीव बालियान पर बयान बाजी की थी। इस अवसर पर पत्रकारों को दो पृष्ठ का एक प्रेस नोट भी वितरित किया गया था, जिसमें पूर्व सांसद डाॅ.संजीव बालियान पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए उनकी जांच कराने की मांग भी की गयी थी। हालांकि पूर्व विधायक संगीत सोम ने प्रेस वार्ता में बांटे गये प्रेस नोट को न केवल फर्जी करार दिया है, बल्कि प्रेस नोट वितरित करने वाले को भी संदिग्ध व्यक्ति बताया है। इतना ही नहीं संगीत सोम ने संबंधित थाने में दी गई तहरीर में कहा है कि बांटे गये प्रेस नोट फर्जी हैं और उसमें उनके फर्जी लैटरपैड का इस्तेमाल किया गया है। पूर्व विधायक संगीत सोम ने पुलिस से मामले की जांच करके कार्यवाही करने की मांग की है।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान व सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच चल रही तनातनी अब सड़कों पर आने के बाद भले ही पार्टी नेतृत्व के कड़े रूख के चलते पूर्व विधायक संगीत सोम ने बैकफुट पर आते हुए प्रेस नोट को फर्जी व उसे बांटने वाले को संदिग्ध करार देते हुए पुलिस में तहरीर दे दी गयी हो, लेकिन इससे जो संदेश समाज में जाना था, वह तो चला ही गया है। अब यह केवल डेमेज कंट्रोल की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है।

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