राघव पब्लिक स्कूल घैणी व शिवम् पब्लिक स्कूल जुबबड में धूमधाम से मनाया गया हिमाचल दिवस

 

शि.वा.ब्यूरो, शिमला। राघव पब्लिक स्कूल घैणी में आज हिमाचल दिवस मनाया गया। जिसमें बच्चों ने खूब बढ़ चढ़ कर भाग लिया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा सुंदर नृत्य तो किया ही गया साथ ही साथ भाषण और कविता पाठ प्रतियोगिताएं भी करवाई गई। स्कूल की इंचार्ज किरण ने बच्चों को बताया कि इस दिन के महत्व के बारे में बताया उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को क्यों हिमाचल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि हमारा हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है। उन्होंने बच्चों को बताया कि हिमाचल प्रदेश संसाधनों से भी समृद्ध है। उन्होंने कहा कि हमें अपने प्रदेश पर गर्व महसूस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें इसकी स्वच्छता और सुंदरता पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखना भी हमारा परम धर्म है। इस अवसर पर मीरा व रीना आदि शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।



शिवम् पब्लिक स्कूल जुबबड की इंचार्ज अर्पणा वर्मा ने बताया कि शिवम् पब्लिक स्कूल में भी विगत दिवस हिमाचल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर नन्हे मुन्ने बच्चे सुंदर परिधानों में मनमोहक लग रहे थे और पहाड़ी नृत्य की उनकी प्रस्तुतियां भी लाजवाब थी। इस अवसर पर बच्चों को हिमाचल प्रदेश के गौरवपूर्ण इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि हम वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के रुप में मनाते हैं, क्योंकि इस दिन हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ था। इस अवसर पर कृष्णा व सविता आदि शिक्षिकाओं को सराहनीय योगदान रहा।

राघव पब्लिक स्कूल घैणी व शिवम् पब्लिक स्कूल जुबबड की प्रबन्धक योगेश्वरी वर्मा ने बताया कि हिमाचल शब्द संस्कृत के दो शब्दों हिमा (बर्फ) और आंचल (गोद) से मिलकर बना है। उन्होंने कहा कि पहाड़ की खूबसूरती भी पहाड़ होती है, पहाड़ की समस्या भी पहाड़ होती है, पहाड़ की चिंता भी पहाड़ होती है और पहाड़ जैसी समस्याओं से निपटने के लिए जज्बा भी पहाड़ ही होता है। उन्होंने कहा कि यह जज्बा हिमाचल प्रदेश के कण-कण में समाया हुआ है। उन्होंने बताया कि आज हिमाचल प्रदेश ने 75 साल का सफर पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि देश की आजादी के 8 महीने बाद 15 अप्रैल 1948 को यह सुंदर पहाड़ी प्रदेश 30 छोटी-बड़ी रियासतों के विलय के साथ केंद्र शासित चीफ कमिश्नर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया था। इसके बाद 1971 में हिमाचल प्रदेश शिमला राजधानी के साथ भारत का 18वां राज्य बन गया था। हिमाचल प्रदेश को अलग राज्य के रूप में स्थापित करने का श्रेय तत्कालीन नेतृत्व के साथ प्रजामंडल आंदोलन के नायकों और आंदोलनकारियों को जाता है। हिमाचल प्रदेश के गौरवशाली इतिहास में धामी गोली कांड और सुकेत सत्याग्रह आंदोलन का भी विशेष स्थान है।

बता दें कि शिमला की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में हिमाचल दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया, जहां बच्चों को बताया कि हिमाचल दिवस 15 अप्रैल को मनाया जाता है। बच्चों को बताया गया कि मंडी, चंबा, सिरमौर महासू चार जिलों की दो दर्जन से ज्यादा रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन हुआ था। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और हिमाचल दिवस के कार्ड भी बांटे। इस अवसर पर स्कूलों में  छात्रों के लिए एक प्रश्नोतरी प्रतियोगिता भी करवाई गई, जिसमें छात्र-छात्राओं ने हिमाचली परिधानों में विभिन्न जिलों का नृत्य पेश किया। इस मौके पर छात्रों ने हिमाचली व्यंजन भी पेश किए। छात्राओं ने किन्नौरी, कांगड़ी नाटी से सभी का मन मोह लिया। इस कार्यक्रम में छात्रों ने हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक सभ्यता की जानकारी भी दी।

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