बेटी की विदाई में माँ का संदेश
मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
दुनिया का व्यवहार बेटी कर सोलह श्रंगार बेटी
तुझे पति के घर जाना
पाल पोस कर बङी की तुझे प्याया अपना दुध बेटी
धुपछांव से बचा बचाकर की तुझे मजबूत बेटी
माया का दस्तुर बेटी, चहूं ओर मशहूर बेटी
तुझे पति के घर जाना... 
छम छम बजती पायल तेरी, झन झन मेरा दिल मचले
तुझे विदाई देनी होगी, जब पहली किरन निकले
आंखों से आंसू बहने होंगे, हमको दुखङे सहने होंगे
तुझे पति के घर जाना.. 
छोड़ चली तु कुटुबं कबिला, माँ बाप भाई बहना
संग सहेली गली चौबारे, जिस में था तेरा रहना
गहनों से तु सजके बेटी, सजना के तु सदके बेटी
तुझे पति के घर जाना..... 
जो भी शिक्षा दी तुझे मैं, उसका तु पालन करना
सास ससुर माँ बाप सरिखे,छोटों का लालन करना
सबके मन बस जाना बेटी, हरसे देख जमाना बेटी
तुझे पति के घर जाना.... 
आशीर्वाद ओर प्यार के, कुछ भी ना मेरे पास बेटी
सत्य धर्म एवं परमार्थ में, करना तुम विश्वास बेटी
*मदन* कहे तुम जाओ बेटी, उन में तुम रम जाओ बेटी
तुझे पति के घर जाना..... 
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर, असम
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