अप्सा के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने यूडीआईएसई को बताया सरकार की अद्भुत पहल, कहा- जिसने भारत के प्रत्येक छात्र व शिक्षक को मिली विशिष्ट पहचान

शि.वा.ब्यूरो, आगरा। अप्सा के अध्यक्ष व प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राज्यों के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों के लिए यूडीआईएसई सेवा शुरू की है, जिसके अंतर्गत सभी विद्यालयों हेतु यूडीआईएसई कोड अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि यह यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन भारत में स्कूलों के बारे में एक डाटा बेस है, जिसे स्कूल शिक्षा विभाग, एमएचआरडी एवं भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है।

डॉ. सुशील गुप्ता ने बताया कि इस तकनीक में प्रत्येक छात्र व शिक्षक को ग्यारह अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की जाती है, जिसके द्वारा कहीं भी, किसी भी समय संबंधित शिक्षक व छात्र की समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि सभी विद्यालयों, शिक्षकों व छात्रों द्वारा इस पोर्टल का लाभ उठाया जा सकता है। यह पोर्टल विद्यालय सिस्टम में पारदर्शिता लाने में सहायक होगा। इसके माध्यम से देश के सभी निजी और सरकारी स्कूल अपना डाटा आसानी से एकत्रित कर पाएंँगे व इसके माध्यम से देश के सभी स्कूलों का डिजिटलीकरण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यूडीआईएसई नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के सभी छात्रों के लिए पोर्टल द्वारा स्वतः उत्पन्न किया जाएगा, जो आधार नंबर (यूआईडी) से लिंक होगा। उन्होंने बताया कि पिछले विद्यालय से अनुमति होने पर छात्रों के डाटा को पिछले विद्यालय के डाटा से इम्पोर्ट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसमें छात्र की ऊँचाई, वजन और रक्त समूह सम्मिलित किया गया है, इसके साथ ही इसमंे टीसी मॉड्यूल शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें बच्चे एवं उसके माता-पिता का नाम नहीं बदला जा सकता और न ही जन्मतिथि नहीं बदली जा सकती है। उन्होंने बताया कि इसकी वजह से बच्चे का नामांकन दो विद्यालयों में नहीं कराया जा सकता और बच्चा वर्तमान विद्यालय को सूचित किए बिना दूसरे विद्यालय में प्रवेश नहीं ले सकता। यदि छात्र बिना सूचना के दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित हो रहा हो तो यह फी डिफॉल्टर्स की स्थिति की जाँच करेगा। इससे प्रत्येक छात्र के स्वास्थ्य और कल्याण की निगरानी की जा सकती है।

डॉ. सुशील गुप्ता ने बताया कि यूडीआईएसई सेवा के अंतर्गत शिक्षकों को टीचर स्टेट कोड भी जनरेट किया जाएगा, जिससे शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ व्यावसायिक अनुभव भी ज्ञात होगा और पिछले विद्यालय और पढ़ाए गए विषय के विवरण की जानकारी होगी। उन्होंने बताया कि इससे विद्यालयों में शिक्षकों की डुप्लीकेसी पर रोक लगेगी और शिक्षक उचित एवं वैध तरीके से विद्यालय बदल सकेंगे। उन्होंने बताया कि जो शिक्षक विद्यालय परिवर्तित करना चाहते हैं, उनके द्वारा दी गई गलत सूचनाओं की जांँच यूडीआईएसई सेवा द्वारा की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इससे शिक्षक विद्यालय प्रबंधन की इच्छा के विरुद्ध सत्र के मध्य में विद्यालय नहीं छोड़ सकते।

अप्साध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने यूडीआईएसई लागू करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का यह निर्णय छात्रों व शिक्षकों के हित में कारगर है। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यालयों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के डाटा स्टोर करने में आसानी होगी एवं समस्त विद्यालयों में इससे भ्रष्टाचार को रोकने में भी सहायता मिलेगी।

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