साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व मनाया, रागी जत्थों ने गुरबाणी से संगत को निहाल किया
शि.वा.ब्यूरो, देवबंद। साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। रागी जत्थों ने गुरबाणी गायन कर संगत को निहाल किया। गुरूद्वारा श्री गुरु नानक सभा में चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब की समाप्ति के बाद कीर्तन दरबार आयोजित किया गया। 
कथा वाचक पंडित पी.आर.एस. वशिष्ठ ने संगत को गुरू महाराज का इतिहास श्रवण कराते हुए कहा कि संत सिपाही गुरू गोबिंद सिंह त्याग, पराक्रम व शौर्य की मूरत थे। उन्होंने देश व धर्म के लिए अपने पिता, चार पुत्रों, माता व स्वयं का भी बलिदान किया। इसलिए उन्हें सरबंस दानी कहा जाता है। गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने कहा कि दशमेश पिता गुरू गोबिंद सिंह जी ने मुगलों के जबर व जुल्म के खिलाफ खालसा पंथ स्थापना कर सोई हुई मानव जाति में नयी जान फूंक दी। भाई अशोक सिंह, चंददीप सिंह, जितेश बतरा, चन्नी बेदी, हर्षप्रीत सिंह ने गुरबाणी गायन कर संगत को निहाल किया। अखंड पाठ साहिब के पाठ की सेवा परमजीत सिंह व गुरजंट सिंह के परिवार की ओर से की गई।
इस दौरान सेठ कुलदीप कुमार, श्याम लाल भारती, सतीश गिरधर,  सचिन छाबड़ा, दलीप मल्होत्रा, विरेंद्र सिंह उप्पल, बालेंद्र सिंह, अरविंदर सिंह कपूर, हर्ष भारती, लवली सूरी, बिट्टू कपूर, राजपाल सिंह, अजय निझारा, सतीश अरोड़ा, सुमित सिंह, सम्पूर्ण सिंह कपूर आदि मौजूद रहे। 

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