मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में भाजपा ने पिछड़ी जातियों पर दिखाया भरोसा, दलित और सवर्णों की उपेक्षा

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। भारतीय जनता पार्टी ने जिले के 23 मंडलों के अध्यक्षों की आज घोषणा कर दी है। भाजपा जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सैनी ने पत्रकारों को बताया कि ज्यादातर मंडलों में बदलाव नहीं किया गया है।23 में से 5-6 अध्यक्ष ही नए बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष, महानगराध्यक्ष और 23 मंडल अध्यक्ष समेत जिले में भाजपा के अध्यक्षों के 25 पद हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 6 सैनी हैं इसी बिरादरी के जसवंत सैनी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें विधायक चुने बगैर मंत्री बनाया गया था और बाद में विधान परिषद में लिया गया। मंडल अध्यक्षों में सैनी बिरादरी के सुभाष सैनी बेहट, विजय सैनी सढ़ौली कदीम, सरसावा देहात ओम कुमार सैनी, रामपुर मनिहारान नगर प्रवीण सैनी एवं गंगोह देहात मांगेराम सैनी आदि सैनी बिरादरी से हैं। काम्बोज को भी सैनी बिरादरी में ही शामिल किया जाता है। छुटमलपुर मंडल के अध्यक्ष दूबे सिंह काम्बोज हैं। पिछड़ी कश्यप बिरादरी के वीरसैन कश्यप तीतरो और देवबंद देहात के सोमित कश्यप पर भरोसा जताया गया।

महानगर के अध्यक्ष पद पर वैश्य बिरादरी के राकेश जैन को हटाकर पुनीत त्यागी को यह जिम्मेदारी दी गई। हरीश त्यागी को नागल मंडल और लोकेश त्यागी को मुजफ्फराबाद का अध्यक्ष बनाया गया है। शाकुम्बरी देवी मंडल के अध्यक्ष नीरज चौहान हैं। गुर्जर बिरादरी के चार मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं। जिनमें नकुड़ देहात के सुभाष चौधरी, रामपुर मनिहारान देहात के विनोद पंवार, बलियाखेड़ी मंडल के किशोर चौधरी, अम्बेहटा मंडल के मनोज चौधरी पर भरोसा जताया गया। कभी राजपूतों के वर्चस्व वाले इस जिले में चार मंडल अध्यक्ष राजपूत बिरादरी के बनाए गए हैं। नानौता के मनोज राणा, बड़गांव के रविंद्र ठाकुर और सरसावा नगर के सुनील राणा, नकुड़ नगर के अध्यक्ष सुनार बिरादरी राकेश वर्मा बनाए गए। वैश्य बिरादरी को पूरे जनपद में केवल देवबंद नगर मंडल में अध्यक्ष पद दिया गया है। पिछले 10 वर्षों से नगर महामंत्री का समर्पण और निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे वैश्य बिरादरी के प्रभावशाली नेता अरूण गुप्ता पर भरोसा जताया गया है। इनको अध्यक्ष बनाने में देवबंद के विधायक और लोक निर्माण राज्य मंत्री कुंवर बृजेश सिंह रावत की भूमिका रही है। यदि वह अरूण गुप्ता का नाम नहीं देते तो इस जिले में वैश्य बिरादरी का प्रतिनिधित्व शून्य हो जाता। वैश्य बिरादरी की तरह अध्यक्ष पद के मनोनयन में ब्राह्मणों में भी केवल एक छोटे से कस्बे चिलकाना मंडल में मुकेश शर्मा को यह पद दिया गया है। अनुसूचित जाति जैसे चमार, जाटव और वाल्मिकी समाज का पूरे जनपद में मंडल अध्यक्षों में प्रतिनिधित्व शून्य है।

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