लोकसभा में कूदने वाले युवकों की तुलना भगत सिंह से करने पर किरणजीत सिंह संधू ने जताया ऐतराज, बोले-ऐसा कहना क्रांतिकारियों का अपमान

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। शहीदे आजम सरदार भगत सिंह के भतीजे सरदार किरणजीत सिंह संधू ने इसी माह की 13 दिसंबर को दो गुमराह नौजवानों सागर और मनोरंजन द्वारा लोकसभा में कूदने और वहां रंगीन धुंआ फैलाकर आतंक पैदा करने की अचंभित कर देने वाली घटना के 10 दिन बाद आज अपनी प्रतिक्रिया दी है। सहारनपुर के जैन कालेज रोड़ स्थित कालोनी निवासी सरदार किरणजीत सिंह संधू ने आज इस संवाददाता से खास बातचीत में घटना पर गहरा रोष जताते हुए कहा कि संसद में कूदने वाले दोनों युवक और उनके गिरफ्तार अन्य चार साथियों ने अपनी करतूत को महान क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह और उनके साथी बटूकेश्वर दत्त द्वारा आज से 93 साल पहले 8 अप्रैल  1929 को सेंट्रल असेम्बली में बम फेंके जाने की घटना से प्रेरित दिखाया है। उससे उन्हें भारी ठेस लगी है। क्रांतिकारियों का मकसद हिंसात्मक गतिविधियां और आतंक फैलाना नहीं था। भगत सिंह और उनके साथियों की मुहिम भारत के युवाओं में देशप्रेम की भावना जागृत करना था। आज स्थिति बिल्कुल भिन्न है। भारत में लोकतंत्र है। जनता हर पांच साल बाद अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है। यदि कोई सरकार जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतरती है तो लोगों के पास चुनाव में उन्हें बदलने का विकल्प मौजूद है।

सरदार किरणजीत सिंह संधू ने कहा कि अब इस घटना से भारत की छवि खराब हुई है। वह मानते हैं कि ये नौजवान हताश हैं और गुमराह हैं। उनके विचार किसी भी सूरत में क्रांतिकारियों से मेल नहीं खाते हैं। वह भगत सिंह से उनको जोड़ने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। तब की परिस्थितियां और आज की परिस्थितियों बिल्कुल भिन्न हैं। सरदार किरणजीत सिंह संधू ने उम्मीद जताई कि हमारी सरकार और एजेंसियां गिरफ्तार किए गए छह नौजवानों के मंसूबों और उनके पीछे किसका हाथ है इसका जल्द से जल्द पता लगाने का काम करेगी।

सरदार किरणजीत सिंह संधू ने दो टूक कहा कि भारत के नौजवानों की समस्याएं हो सकती हैं। हमारे पास संसद के अलावा भी अनेक मंच हैं उन्हें उठाने के लिए लेकिन हमारे तरीके अंहिंसात्मक और शांतिपूर्ण होने चाहिए। हमारे पास भारतीय संविधान है जिसमें सभी समस्याओं का समाधान सुझाया गया है। स्वतंत्रता सेनानियों की सबसे बड़ी देन जनतंत्र और संसदीय प्रणाली है। हम उसी के जरिए अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं और जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं। अब लोकसभा में हुई कार्रवाई पूरी तरह से आतंकवादी, दहशतगर्दी है और पूरी तरह से गैर कानूनी है। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारियों के जीवित अन्य परिजनों से भी इस संबंध में उनकी बात हुई है। कोई भी इस कार्रवाई से सहमत नहीं है।

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