गन्ना मूल्य घोषित नहीं किए जाने से किसानों में रोष

शि.वा.ब्यूरो,  देवबंद। गन्ना पेराई सत्र आरंभ होने के एक पखवाड़े बाद भी सरकार द्वारा गन्ना मूल्य घोषित नहीं किए जाने से किसानों में भारी रोष है। किसान न्याय मोर्चा ने विभिन्न मांगों को लेकर बैठक उपरांत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। 

सहकारी गन्ना विकास समिति प्रांगण में बैठक में किसान न्याय मोर्चा के अध्यक्ष ठा. रणवीर सिंह एडवोकेट ने कहा कि बैंकों, गन्ना समिति और सहकारी समितियों द्वारा किसानों से 13.5 प्रतिशत तक ब्याज लिया जा रहा है, जबकि केंद्रीय गन्ना खरीद कानून में 15 प्रतिशत ब्याज है, जिसे किसानों को देरी से किए गए भुगतान पर देना है। उन्होंने कहा कि  देवबंद गन्ना समिति के किसानों का 1970-71 से 2020-21 तक का 72 करोड़ रुपये देरी से किए गए भुगतान का ब्याज है, जिसे अब तक किसानों को नहीं दिलाया गया। उन्होंने कहा कि इस बार मुंढा गन्ना का सर्वे नहीं हुआ। 

उन्होंने कहा कि पर्ची न आने से गन्ना सप्लाई बाधित होने के साथ गेहूं की बुवाई भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड का नवीनीकरण भी नहीं हुआ। किसान नेताओं ने केसीसी का मूल जमा कराकर नवीनीकरण कराने, गन्ना मूल्य 450 रुपये क्विंटल घोषित कराने और घटतौली की सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी यदि मांगे जल्द पूरा न हुई तो किसान सडकों पर उतरकर आंदोलन को मजबूर होंगे। प्रदर्शन में सतीश गोयल, अनिल शर्मा, रविंद्र सिंह, सफूरा प्रधान, सुधीर सिंह, प्रदीप सिंह, रमेश त्यागी, राकेश कुमार, महेंद्र सिंह व यशपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

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