होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज जडौदा में दीपावली मेला एवं हस्तकला प्रदर्शनी आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। पंच पर्व दीपावली के पावन पर्व की पूर्व बेला पर होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज जडौदा के प्रांगण में दीपावली मेला एवं हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन बडे ही उत्साह के साथ किया गया। प्रदर्शनी व मेले का शुभारम्भ आज के मुख्य अतिथि डॉ0 सुनिता बालियान एवं कला गुरू डॉ0 महावीर सैनी निदेशक कलांगन, विशिष्ट अतिथि डॉ0 कुबेरदत्त कौशिक चर्म रोग विशेषज्ञ, डॉ0 अ0 कीर्तिवर्धन, सुमन प्रभा, एल0के0 मित्तल, मनोज गर्ग, डॉ0 राजीव कुमार अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, डॉ0 रणवीर सिंह, शिवकुमार, अनिल आर्य, सचिन करानिया सदस्य जिला पंचायत, पं0 संजीव शंकर, कवयित्री लक्ष्मी डबराल, अजय वर्मा शोभित यूनिवर्सिटी, धनराज त्यागी एवं प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया द्वारा फीता काटकर किया गया। 

डॉ0 महावीर सैनी ने हस्त व चित्रकारी कला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दीपावली के पावन पर्व पर गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिसका सनातन धर्म में बडा महत्व है साथ-साथ उन्होंने लक्ष्मी व गणेश के वाहन के विषय में भी जानकारी दी। गणेश जी बुद्धि एवं लक्ष्मी जी धन की के प्रतीक के रूप में पूजे जाते है, विद्यार्थी को कम साधन में और रात-दिन जागकर अपने लक्ष्य की ओर निरन्तर बढते रहना चाहिए।  
अमरीश कुमार कला अध्यापक ने विद्यालय के होनहार विद्यार्थियों को हस्तकला चित्रकारी में प्रांगत किया जिसके अन्तर्गत विधि, आदित्य सैनी, अर्पिता, अनमोल, शिवांश, अक्षा, जानवी धीमान, रिया धीमान ने दीपक एवं कलशों पर हस्तकला का मनमोहन प्रदर्शन किया। 
मार्शल आर्ट विशेषज्ञ राखी ने विद्यालय के होनहार विद्यार्थियों को गेतका (कलारीपयटू) कला में प्रांगत किया, जिसके अन्तर्गत छात्रों की टोली दिव्यांश, हर्षित, नैतिक रूहेला, यश, आर्यन, नैतिक शुक्रालिया, नक्ष और छात्राओं की टोली परी सहरावत, परि दहिया, अंशिका शुक्रालिया, ईशा, श्रेया ने लाठी कला का मनमोहक प्रदर्शन किया। 
हर्षित ने नान चाक का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया जिसको देखकर विद्यालय परिसर में उपस्थित समस्त अभिभावक, अतिथिगण एवं समस्त विद्यार्थियों की तालियों की गडगडाहाहट से विद्यालय परिसर गूंन्जायमान हो गया। सुमन प्रभा ने आज दीपावली एवं प्रदर्शनी पर अपने भाव एक सुन्दर कविता के माध्यम से व्यक्त किये -
जल जल कर माटी का दीया, दे रहा यही संदेश।
जलने का नाम है जिन्दगी, मेरे साथ जलकर तो देख।।
लक्ष्मी डबराल ने भी मेले एवं प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बच्चों की प्रतिभा को देखकर भाव विभोर होकर कविता के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किये -
ऐसा लगता है मेरे प्रभु राम आ गये।
जन्मों के मेरे पुण्य मेरे काम आ गये। 
मेले में विद्यार्थियों ने अपने हाथों से निर्मित दीपकों, कलशों एवं चित्रकारी की छोटी-छोटी दुकाने लगायी और दीपावली मेले में पधारे समस्त अभिभावकगण, अतिथिगणों एवं समस्त छात्रों ने भव्य मेले का अवलोकन किया एवं अपनी-अपनी पंसद के सामानों की खरीदारी की।
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