हर बुखार डेंगू नहीं होता, घबराएं नहीं, संचारी रोगों से बचाव ही इलाज का सबसे बेहतर उपाय
शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जिले में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी द्वारा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव निगम, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीके सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.शैलेंद्र चंद जैन, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह और डॉ. शमशेर आलम को नोडल नामित किए गया। 
मौसम में उतार-चढ़ाव से वायरल फीवर के मरीजों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि इसके लिए जिला अस्पताल में पर्याप्त इंतजाम है और ओपीडी, टेस्टिंग आदि का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है। चिकित्सकों की टीम ने मंगलवार को सभी ब्लाकों पर सीएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी, जिला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज का भ्रमण कर डेंगू एवं अन्य संचारी रोगों के जांच तथा उपचार की व्यवस्थाओं को परखा। इस दौरान नोडल अधिकारियों द्वारा संख्त निर्देशित करते हुए ओपीडी व टैस्टिंग की व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने, संचारी रोगों से निपटने के लिए नियंत्रण व उपचार को युद्ध स्तर पर जारी रखने के निर्देश दिए।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि संचारी रोगों से निपटने के लिए नियंत्रण व उपचार को युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अस्पताल में पर्याप्त बैड, टैस्टिंग और ओपीडी की सुविधा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को इलाज के साथ-साथ सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों के नियंत्रण एवं उपचार हेतू जिलाधिकारी द्वारा नोडल नामित किए गए है जो सभी ब्लाकों पर सीएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी, जिला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज पर मरीजों को मिलने वाले उपचार व टैस्टिंग की मॉनिटरिंग कर रहे है। उन्होंने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी बुखार से घबराएं नही, जांच के बाद इलाज करवाएं।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया कि इन दिनों वायरल बुखार का दौर चल रहा है। जांच में बुखार पीड़ितों की प्लेटलेट्स घटी हुई पाई जाती है तो लोग डेंगू की आशंका जताकर घबरा जाते हैं। केवल डेंगू ही नहीं, अन्य साधारण बुखार में भी प्लेटलेट्स घटती है इसलिए डेंगू की जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचें। ऐसी स्थिति में नजदीकी अस्पताल जाए और डॉक्टर के परामर्शानुसार दवा लें।
जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह ने बताया कि व्यक्तियों में एक दूसरे से सीधे संपर्क व भोजन, पानी, हवा आदि माध्यमों से स्थानांतरित होने वाले रोग संचारी रोग की श्रेणी में आते हैं। इनसे बचाव ही इलाज से बेहतर व आसान है। जिसके लिए साफ सफाई का ध्यान रखा जाए। आसपास गंदगी न होने दी जाए। शुद्ध पानी व ताजे एवं स्वच्छ भोजन का उपयोग हो। मच्छर जनित रोगों जैसे डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए पानी का भराव न होने दिया जाए। फ्रिज व कूलर की साप्ताहिक सफाई जरूरी है। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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