बेचारा आवारा
राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
थक कर बैठ गया हूँ
मगर सोच मत  लेना
कि मैं जीवन से हार गया हूँ।
जीवन के पड़ाव
मगर सोच मत लेना
मैं दूसरों के सहारे हो गया हूँ।
थोड़ा बदल सा गया हूँ
मगर सोच मत लेना
कि अब मैं आवारा हो गया।
गुमनाम लोगों के बीच
मगर सोच मत लेना
कि अब मैं बेचारा हो गया।
थोड़े विराम के लिए
बदलते रहते हैं
बदलते हुए जमाने के साथ
गुमसुम सा रहता हूँ
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गाहलिया (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश
Comments