श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ में विधिक सेमिनार आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ के प्रांगण में विधिक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘‘21वी सदी में भारत में सषक्तीकरण’’ रहा। सेमिनार में विधि विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ0 एनएस काम्बोज मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। सेमिनार का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित करके तथा अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट करके किया गया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ करते हुए महाविद्यालय की प्रवक्ता आंचल अग्रवाल के द्वारा कहा गया कि वर्तमान समय में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता न केवल समाज, परिवारों बल्कि सरकार के स्तर से भी अनुभव की गयी है। हमारे देश के संविधान में महिला पुरूषों के आधार पर नागरिकों में भेदभाव नही किया गया सबको समान अवसर दिये गये है और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका अहम है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 एनएस काम्बोज ने कहा कि समाज को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाये जाने की प्रक्रिया में सर्वप्रथम राजनीतिक प्रशासनिक, न्यायिक विभागों को महिलाओं के प्रति लैंगिक पूर्वाग्रहो से मुक्त तथा जेण्डर संवेदनशील बनाये जाने की आवश्यकता है, क्योकि ये सभी विभाग शक्ति व सत्ता के प्रतीक है तथा युवाओं के आदर्श है। उन्होंने कहा कि ऐसे में आवष्यक है कि सर्वप्रथम इनमें सुधार लाया जाये तभी समाज को बदला जा सकता है।
विधि के छात्र-छात्राओं द्वारा सम्बन्धित विषय पर विचार व्यक्त किये। आयान त्यागी ने कहा कि 21वी सदी में महिलाए अबला नही रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में इनका पुरूषो के समान ही सहयोग रहता है। छात्र वंवर्धन ने कहा कि महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया गया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में स्वंय एक क्रान्तिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि भारत में नारियों का गौरवशाली इतिहास रहा है। तबस्सुम परवीन ने कहा कि आज की महिलाएं सीमाओ की सुरक्षा से लेकर लड़ाकू विमान भी उडा रही है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थानों में इनकी भूमिका अहम है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ0 पूनम शर्मा ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट करके उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की प्रवक्ता आंचल अग्रवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संजीव तोमर, सोनिया गौड़, राखी ढ़िलौर, राममनू प्रताप सिंह, आकांक्षा, गोल्डी, हीना गुप्ता, विनय तिवारी, प्रीती और त्रिलोक आदि उपस्थिति रहे। 
Comments