बसपा से निष्कासन के बाद बोले इमरान मसूद, कहा- 2024 का लोकसभा चुनाव अवश्य लड़ेंगे

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए इमरान मसूद ने आज दी प्रतिक्रिया में बहुत ही सहज ढंग से कहा कि उन्हें पार्टी में स्वयं मायावती ने शामिल किया था और जमकर उनकी तारीफ की थी और महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे थे, लेकिन त्रासदी देखिए कि आज उन्हें पार्टी से निकाले जाने का ऐलान बसपा के जिलाध्यक्ष ने किया। उन्होंने कहा कि उनके समर्थक 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं, वह उनकी इच्छा को अवश्य पूरा करेंगे और 2024 का चुनाव अवश्य लड़ेंगे। किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे इस सवाल का उन्होंने कोई सीधा उत्तर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य के बारे मे थोड़ा इंतजार कीजिए। 

बता दें कि मायावती ने अभी हाल ही मे लखनऊ जो पार्टी की बैठक बुलाई थी, उसमें इमरान मसूद को नहीं बुलाया था 15 अगस्त को सहारनपुर में पार्टी कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भी इमरान मसूद आमंत्रित नहीं किए गए थे। पिछले कुछ दिनों से बसपा में सांसद फजर्लुरहमान की सक्रियता फिर से सामने आ गई है, जो इमरान मसूद के पार्टी के आने के बाद से पृष्ठभूमि में चले गए थे।

बता दें कि जनपद के जनाधार वाले नेता इमरान मसूद को आज पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपनी पार्टी से बाहर कर दिया है। इमरान मसूद बसपा में 10 माह 10 दिन रहे। वह 19 अक्टूबर 2022 को सपा छोड़कर मायावती के हाथी पर सवार हुए थे। उन्होंने 4 मई 2023 को हुए नगर निगम के चुनाव में अपनी भाभी खदीजा मसूद को बसपा टिकट पर चुनाव लड़ाया था। जिनके वोट भाजपा के विजयी उम्मीदवार डा. अजय सिंह से मात्र आठ हजार कम रह गए थे। जिस कारण उनकी हार हुई थी। सपा विधायक आशु मलिक ने इस चुनाव में अपने छोटे भाई को ऐन वक्त पर चुनाव में खड़ा कर दिया था और मतदान से दो दिन पहले अखिलेश यादव को भी सहारनपुर ले आए थे, जिस वजह से नगर निगम चुनाव में सपा उम्मीदवार 20 से 22 हजार वोट ले गया जो इमरान मसूद की उम्मीदवार की हार का मुख्य वजह बना। दरअसल 2007 में इमरान मसूद जब सहारनपुर नगर पालिका के निर्वाचित अध्यक्ष थे। तब उन्होंने 15 वीं विधानसभा के लिए सहारनपुर की मुजफ्फराबाद विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और सपा उम्मीदवार एवं मुलायम सिंह सरकार में काबिना मंत्री ठाकुर जगदीश सिंह राणा को चुनाव में पराजित कर दिया था। उस सीट ने इमरान मसूद का कद जरूर ऊंचा कर दिया और उनकी सियासी पूछ और रूतबा दोनों बढ़े, लेकिन उनका दुर्भाग्य देखिए कि बाद के 16 वर्षों में उन्हें कोई राजनीतिक सफलता नसीब नहीं हुई है। 

उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव से थोड़ा पहले सपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की और सहारनपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा। उसी दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर उनका एक बहुत ही आपत्तिजनक बयान सोशल मीडिया पर जारी हो गया था जिसकी देशभर में चर्चा हुई। उन्हें उस चुनाव में चार लाख सात हजार नौ सौ नौ वोट प्राप्त हुए। इतने वोट लेने के बावजूद वह भाजपा उम्मीदवार राघव लखनपाल शर्मा से हार गए। राघव लखनपाल शर्मा चार लाख 72 हजार नौ से 99 वोट ले गए थे। इसी बीच इमरान मसूद ने दो विधान सभा चुनाव डा. धर्मसिंह सैनी के खिलाफ नकुड़ सीट पर लड़े और करीबी मुकाबले में बहुत ही मामूली अंतर से हजार-बारह सौ के वोटों से उन्हें शिकस्त मिली। 2019 के लोक सभा चुनाव में इमरान मसूद ने सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस टिकट पर फिर भाग्य आजमाया। इस बार उनके वोट घटकर दो लाख सात हजार 68 रह गए। उनके इतने वोट काटने के बावजूद भी भाजपा के उम्मीदवार राघव लखनपाल शर्मा चुनाव नहीं जीत पाए। हालांकि राघव लखनपाल शर्मा को 2014 के मुकाबले 19 हजार वोट ज्यादा मिले थे। 2019 में लोक सभा सीट सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार हाजी फजर्लुरहमान पांच लाख 14 हजार 1 सौ 39 वोट लेकर जीते थे। मई 2022 में हुए उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद 19 अक्टूबर 2022 को यह कहते हुए अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार हो गए कि सपा ही भाजपा को हराने में सक्षम है। लेकिन अखिलेश यादव ने इमरान मसूद को किसी भी सीट से टिकट ना देकर उनका दिल तोड़ दिया। दरअसल सहारनपुर जिले में इमरान मसूद का अपना जो निजी जनाधार है उसी के चलते उनके विरोधियों की संख्या भी कम नहीं है। जो उनको जगह-जगह सियासी नुकसान पहुंचाने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते हैं। 

समाजवादी पार्टी में मिली भारी निराशा से उन्होंने 29 अक्टूबर 2023 को सपा को भी अलविदा कह दिया था। इमरान मसूद को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों बेहद पसंद करते हैं। कांग्रेस से अलग रहने के थोड़े से समयावधि में भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आकर्षण इमरान मसूद की ओर बना रहा। इमरान मसूद ने कभी भी इन दोनों नेताओं की आलोचना नहीं की। माना जा रहा है कि जल्द ही इमरान मसूद और उनके भाई गंगोह के पूर्व पालिकाध्यक्ष नौमान मसूद दोनों कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते है। दिलचस्प बात यह है कि इमरान मसूद भाजपा को छोड़कर सभी दलों में रह चुके हैं। बहरहाल आज मायावती की ओर से जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद ने एक पत्र जारी करके इमरान मसूद को बसपा से निकालने की जानकारी दी।

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