विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का दूसरा चरण 11 जुलाई से, सारथी वाहन को दिखाई हरी झंड़ी, ब्लॉक स्तर पर नसबंदी कैंप का होगा आयोजन
शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। 11 जुलाई से विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। इसी क्रम में सुखी परिवार हेतु परिवार नियोजन का महत्व, सही उम्र पर लड़की की शादी, मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए साफ सफाई एवं स्वच्छता का महत्व इत्यादि विषयों पर जन जागरण हेतु प्रचार प्रसार के लिए सारथी रथ को अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव निगम, मलेरिया अधिकारी अलका सिंह, अर्बन कॉर्डिनेटर कमल कुमार, भोपाल सिंह, अजय, अहतिसाम, आशा मौसम, प्रीति, नीलम, रीतू और साधना समेत कई लोग उपस्थित रहे।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया- कि 10 जुलाई तक चलने वाले अभियान का जनपद के हर ब्लॉक में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसी क्रम में आज सारथी प्रचार वाहन को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि इस पखवाड़े का दूसरा चरण 11 जुलाई से शुरु हो रहा है। जो 24 जुलाई तक चलेगा इसके तहत परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी सेवाओं का लाभ दंपति को दिया जाएगा। ब्लॉक स्तर पर नसबंदी कैंप का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिला व पुरुष नसबंदी सेवा प्रदान की जाएंगी। महिलाओं में परिवार नियोजन के अन्य साधनों जैसे छाया गोली, अंतरा इंजेक्शन तथा अन्य साधनों को लेकर दंपति को जागरूक किया जाएगा। पखवाड़े के तहत बास्केट आफ च्वाइस में उपलब्ध गर्भनिरोधक साधनों के बारे में काउंसलिंग की जाएगी।
डॉ. दिव्या ने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि पुरुष और महिला नसबंदी, आइयूसीडी, पीपीआइयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बास्केट आफ च्वाइस का हिस्सा हैं। जिसे जो भी साधन उपयुक्त लगे वह इसका प्रयोग करके बच्चों में अंतर रखने का कार्य कर सकता है। इससे सुरक्षित मातृत्व सेवाओं को भी बल मिलेगा।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के साथ बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग आवश्यक है। शादी के बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनाई जाए। दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर अवश्य रखा जाए। जिससे माताएं तथा बच्चे अधिक स्वस्थ होंगे क्योंकि जोखिम पूर्ण गर्भों की रोकथाम हो जाती है।


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