कोरोना काल में स्कूलों द्वारा ली गयी फीस को समायोजित करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगायी रोक

शि.वा.ब्यूरो, आगरा। प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक डाॅ. गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के स्कूलों द्वारा कोविड 19 के दौरान ली गई 15 प्रतिशत फीस वापस करने या समायोजित करने का निर्देश देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

डाॅ. सुशील गुप्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि इंडियन स्कूल जोधपुर बनाम राजस्थान राज्य में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक भुगतान किया गया शुल्क भविष्य की फीस के रूप में समायोजित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश के विद्यालयों को 2020-21 के शैक्षणिक सत्र के दौरान ली गई अतिरिक्त फीस का 15 प्रतिशत वापस करने या समायोजित करने का निर्देश दिया गया था। 

उन्होंने बताया कि शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता एक निजी विद्यालय ने उक्त निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी कि यह खुद को या किसी अन्य निजी विद्यालय को अवसर प्रदान किए बिना पारित किया गया था, जिसपर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की खंडपीठ ने स्थगन आदेश पारित किया।

बता दें कि उच्च न्यायालय ने जनवरी में निर्देश दिया था कि इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान राज्य के अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक भुगतान किया गया शुल्क भविष्य के शुल्क के रूप में समायोजित होगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि उपरोक्त निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क का भुगतान किया गया है, तो अभी भी अध्ययनरत छात्रों के मामले में इसे भुगतान किए जाने वाले शुल्क में समायोजित किया जा सकता है एवं वे छात्र जो स्कूल छोड़ चुके हैं, उनकी राशि की गणना कर उन्हें वापस की जा सकती है। अदालत ने आदेश दिया कि पूरी कवायद दो महीने की अवधि के भीतर की जानी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उच्च न्यायालय के निर्देश शीर्ष अदालत द्वारा इंडियन स्कूल मामले में दिए गए निर्देशों से परे हैं। यह तर्क दिया गया था कि आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन में पारित किया गया था क्योंकि इसे सुनवाई और अपना मामला पेश करने का अवसर नहीं दिया 

अप्सा अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि अप्सा के समस्त विद्यालय सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पूर्णरूपेण पालन करेंगे और जब तक इस संबंध में कोई अंतिम आदेश नहीं आता है, तब तक शुल्क वापसी की इस प्रक्रिया को रोक दिया जाएगा।

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