एसडी काॅलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में एक दिवसीय वर्कशाप आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी काॅलेज ऑफ मैेनेजमेन्ट स्टडीज के सभागार में बीबीए, बीसीए व बीएससी सीएस विभाग के तत्वाधान में ए फन इन मैथेमेटिक्स एण्ड गुड लिविंग विषय पर एक दिवसीय वर्कशाप का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। 

वर्कशाप में प्राचार्य डा0 संदीप मित्तल ने बताया कि संख्या हमें दुनिया को समझने में मदद करती है और गणित हमें संख्याओं को समझने में मदद करता है। गणित के वास्तविक जीवन के अनुप्रयोग अनंत है। हम संख्याओं, समीकरणों और एल्गोरिदम से घिरे हुए हैं- विशेष रूप से डेटा विज्ञान के इस युग में, विशाल डेटा सेट के साथ जिन्हें केवल सांख्यिकी माॅडल और विश्लेषण के माध्यम से समझा जा सकता है। गणित हमें दुनिया को इस तरह देखने की क्षमता देता है, जैसा ओर कोई नहीं कर सकता। कुछ अच्छा हासिल करने के लिए जीवन में खुश रहना है जरूरी, अधिकतर लोग अपनी तुलना दूसरों से करते है। ओर दुखी होते है। ऐसे लोगों के पास बहुत-सी अच्छी चीजें होती है, लेकिन दूसरो के जीवन में आए बदलाव से वे दुखी जा जाते है। इसलिए हमे तुरंत ये आदतें छोडनी चाहिए। जीवन में खुश रहनें के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें, अगर खुश रहना चाहते है।

बतौर मुख्य अतिथि यूनिर्वसिटि ऑफ जोहानस्बर्ग के नोट स्पीकर प्रो0 जगदीश प्रकाश द्वारा छात्र एवं छात्राओं को गणित मे मजा और जीवन को अच्छे से जीनेे के बारे में सीखना विषय से जुडें टिप्स दिये गये। उन्होनें समझाया कि यह एक अच्छी दिमागी चुनौती पेश करता है। मुझे ऐसा लगता है कि गणित आपको लगातार अपने पैर की उंगलियों पर रखता है और कभी नीरस नहीं होता है, इसलिए इस अद्भुत विषय क्षेत्र में सीखने का प्रत्येक नया दिन अप्रत्याशित होता है और कुछ ऐसा होता है जिसें आप आगे देख सकते हैं। दूसरे के लिए मन में सहानुभूति लाएं। खुद की खुशियों को पहचानें। खुद के प्रति दयालु रहें और दूसरों के साथ भी अच्छा व्यवहार करें। गुस्सा, पश्चाताप जैसी भावनाओं को नियंत्रित करें।

कार्यक्रम संचालक प्रवक्ता डा0 संगीता गुप्ता ने कहा कि गणितीय अवधारणाओं के साथ एक प्रकार का पदानुक्रम है, उदाहरण के लिए, आप पहले बुनियादी बीजगणित पर पकड़ बनाए बिना कैल्कुलेशन को नहीं समझ सकते। इसके कारण आपको यह ध्यान रखना होगा कि जब भी आप कोई नई अवधारणा सीखते हैं, तो यह कुछ ऐसा होता है जिसे बार-बार संदर्भित किया जाता है। आप देख सकते है कि कैसे सब कुछ जगह पर क्लिक करता है, यह सीखने को और अधिक रोचक व आकर्षक बनाता है। खुश रहने के लिए संतोषी और आत्मविश्वासी होना सबसे जरूरी है।  हम खुद को दुसरें से कमजोर समझने लगते है और दूसरे हम पर हावी होने लगते हैं तो हम खुश नहीं रह पाते।

बीबीए विभागाध्यक्ष राजीव पाल सिंह ने कहा कि जब भी आप गणित में कुछ साबित करने की कोशिश करते है तो आपको सबूत की जरूरत होती है जिसे जीवन के अन्य पहलुओं में भी लागू किया जाना चाहिए कल्पना करें कि यदि दृश्य.श्रव्य साक्ष्य प्रदान करना होता तो कितनी गलतफहमियों को रोका जा सकता था। गणित की हर समस्या एक नई, ताजा और अनूठी चुनौती है। जब आप अंत मे एक ऐसी समस्या को हल करते हैं जो शुरू में असंभव लगती थी, तो आपको जो एड्रेनालाईन रश मिलता है, वह अद्वितीय है। इसी के साथ उन्होनें आत्मविश्वासी बनने को कहा खुद को खुश रहने का अनुभव कराते रहें।

बीसीए विभागाध्यक्ष डा0 संजीव तायल ने कहा कि गणित श्वेत-श्याम है, इसमें अस्पष्टता के लिए कोई जगह नहीं है। हालांकि गणित के सभी छात्र एवं छात्राओं को स्टीरियोटाइप करना निश्चित रूप से गलत है, लेकिन एक अंतर्निहित बिंदु है जो सामने आता है। गणित हर किसी के बस की बात नही है। कई अन्य विषय क्षेत्रों के विपरीत, गणित सब्जेक्टिव नहीं है। हर प्रश्न का एक स्पष्ट उत्तर होता है और जब आप उसे हल करतें है, तो आप सही या गलत हो सकते है। कोई ग्रे एरिया नहीं है। मै स्वयं व्यक्तिगत रूप से इस वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण और इसके साथ आने वाली निश्चितता का आनंद लेता हूॅ। तथा जो लोग हमेशा खुद की तुलना दूसरों से करते है वे कभी जिंदगी में सच्ची खुशी महसूस नहीं कर पाते। तुलना उन्हें हीनभावना और तनाव की तरफ धकेलती है। 

वर्कशाप में दीपक गर्ग, डा0 अक्षय जैन, मौ0 अन्जर, पूर्वी संगल, अनन्त गर्ग, सोनिका, चाॅदना दीक्षित, रोबिन गर्ग, मौ0 अन्जर, मोहित गोयल, श्वेता, राहुल शर्मा, प्रियंका शर्मा, रितु, अनुज गोयल, शशांक भारद्वाज, प्रशान्त गुप्ता, विनिता चैधरी, अमित, सतीश, उमेश मलिक एवं आदि शिक्षक, स्टाॅफ तथा सभी छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।


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