एडवोकेट वीरेंद्र सिंह गुर्जर (सोन्ती), शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
मालवा के शाजापुर मे ,
कई अनूठी पहचान है।
विख्यात रहा मेरा नगर,
कभी खाखरा खेड़ी के नाम से।
सिंधिया जी की रियासत में ,
दर्जा मिला इसे जिले का ,
सन उन्नीस सौ चार में। 1
यह चंद्रलेखा के तट पर,
एक बना सुहाना किला है।
चारों द्वार मेरे शाजापुर के,
इंडिया गेट के समान हैं।
दक्षिण द्वार पर बंदी छोड़ की,
हमने खूब सुनी लीला है।
यहां चैत्र नवरात्रों में ,
खुशियों का लगता मेला है।
तो सावन में मंगलनाथ,
यहां नगर भ्रमण करते है।
भूतों की सेना लेकर के,
भक्तों का संकट हरते है।
पांच दिनों की होली का,
होता यहां पर खेला है।
आगरा के ताज महल से ,
मुंबई तक जो फैला है।
भारत देश का तीसरा,
एनएच यहां से गुजरा है।
चिल्लर सा कल-कल ,
यह सदा बहता जल है।
शरण में बाबा भैरव की,
मेरे शाजापुर का बसेरा हे
चिल्लर बांध की झंलकन से ,
किसानों के भाग्य बदलते हैं।
सारी दुनिया में मशहूर ,
यहा के ऑरेंज आलू प्याज है।
जो शाजापुर के नाम से ,
विदेशों में भी बिकते हैं।
विश्व का पहला मंदिर ,
जहां गौमाता का वास है।
कालीसिंध के तट पर,
गौमाता का यहां धाम है।
सारी दुनिया के संतों में,
मेरे नागर जी महान है।
शाजापुर के मक्सी में तो,
पटेल का सिक्का चलता है।
शासन चाहे किसी का भी हो ,
यह झंडा पटेल लहराता है।
महादेव जनेश्वर बाबा,
यहां सदा कृपा बरसाते हैं।
धाम से पार्श्वनाथ जी के ,
मेरे मक्सी को अभिमान है।
शाजापुर के बेरछा में ,
कई ट्रेनें धूम मचाती है।
सुबह-सुबह खुशियाँ लेकर,
हमें ट्रेन नर्मदा जगाती है।
तो चांदनी रातों में लोहरी,
ट्रेन जबलपुर गाती हैं।
बैरछा के देव होडा पर ,
मेरे देव की ध्वजा लहराती है।
व्यापार में शुजालपुर ,
मेरे शाजापुर की धड़कन हैं।
पहले सी.एम. मध्य भारत के,
श्री लीलाधर जी कि नगरी है।
धन वैभव और सुख समृद्धि ,
मेरे जटाशंकर बरसाते है।
मन की सारी मनोकामना,
पूरी मनकामेश्वर करते हैं।
दुनिया के सारे दर से,
जो काम नहीं हो पाता है।
तेरा नाम लेने से मां ,
वह काम सफल हो जाता है।
ऐसी महिमा हे मां देवरी की,
ऐसा ईश्वर भगत भी गाता है।
चलती ट्रेन धीमी होकर,
जहां करती रोज प्रणाम हैं।
वो बोलई के सरकार,
मेरे महाबली हनुमान हैं।
तेलिया धाम पर विराजे
मां अंजनी का लाल है।
कालापीपल को संकट का ,
हुआ ना कभी भान हैं।
चारों तरफ मेरे शाजापुर के ,
स्वयं जगदंबा का वास है।
पितांबरा मां बगलामुखी तो,
एक और सलकनपुर धाम है।
भेसवा की मां बिजासन ,
सदा करती कल्याण है।
देवास में चामुंडा संग ,
मां तुलजा भवानी का वास है।
महाकाल की नगरी में,
बैठी मां हरसिद्धि है।
फिर भी सारे मनोरथ पूरे हमारे,
मां राजराजेश्वरी करती है।
सागर कृषि फार्म दुपाड़ा रोड हरण गांव (शाजापुर) मध्यप्रदेश
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