शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर शनिवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाएगा। इस दिवस का उद्देश्य टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और योजनाओं का लाभ दिलाना है। इस दौरान उपकेंद्रों पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 प्रतिशत मरीजों की टीबी की जांच करेंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता बताया कि 15 अप्रैल को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस पर मनाया जाएगा, जहां ओपीडी में आने वाले लोगों में 10 प्रतिशत मरीजों का बलगम टेस्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीएचओ और आशा कार्यकर्ता एकीकृत निक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में लोगों को जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि टेस्ट के बाद टीबी की पुष्टि होने पर परिवार के सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्राइवेट प्रैक्टिशनर से टीबी नोटिफिकेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग और फालोअप के लिए भी बातचीत की जाएगी।
डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया किदृउपचार के अभाव में टीबी का मरीज एक साल में दस से पंद्रह लोगों को इस बीमारी से संक्रमित कर सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे में समय से टीबी का इलाज होना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, इसलिए इसे छिपाने की नहीं, बल्कि इसके इलाज की जरूरत है। उन्होंने बताया कि टीबी के मरीजों को अपना उपचार बीच में नहीं छोड़ना चाहिए, इससे बीमारी और बिगड़ जाती है।
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक सहबान उल हक ने बताया कि ओपीडी में आने वाले संभावित मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि संभावित मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे, पॉजिटिव आने पर मरीजों पर इलाज शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी को टीबी से संबंधित लक्षण दिखाई पड़ते है तो तुरंत इसकी जांच करवाएं। जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर प्रवीन कुमार ने बताया कि संभावित क्षय रोगियों की पहचान के लिए प्रमुख लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी होना, दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना, वजन में कमी आना भूख न लगना, बलगम से खून आना हैं।