शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। भारत रत्न डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी की 132वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित एक बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार सहित पूरे स्टाफ ने सर्वप्रथम भारतीय संविधान के निर्माता व भारत रत्न डॉ0 बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये।
अपने सम्बोधन में जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि भारतीय संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष व भारतीय संविधान के जनक के रूप में विश्वविख्यात डॉ0 भीमराव रामजी अम्बेडकर बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। डीआईओएस ने कहा कि जिन्होंने जहाँ एक ओर दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध अभियान चलाया, वहीं दूसरी ओर श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का भी भरपूर समर्थन किया। डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने कहा कि डॉ0 अम्बेडकर स्वतन्त्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारतीय गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने बताया कि वह विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे तथा उन्होंने स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में 32 डिग्रियाँ भी हासिल कीं।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि आज उनके द्वारा प्रतिपादित संविधान ही है, जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। उन्होंने कहा कि जहाँ संविधान के दिये मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिये मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियाँ भी याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान ने भारत को एक सम्प्रभु समाजवादी, धर्म निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया और इसने प्रत्येक भारतीय के लिए न्याय, विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व की घोषणा की।
इस अवसर पर सुशील कुमार वर्मा, प्रमोद चैहान, विनोद कुमार, भारत, प्रमोद शर्मा, अमित कुमार, आशुतोष सिंह, सुदेश कपिल, अम्बरीश, नितिन, संजीव कुमार, अविनाश कुमार, धर्मपाल, गंगाशरण, पवन मेहरा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।