जायद उत्पादकता गोष्ठी व मिलेटस योजना के अन्तर्गत कार्यक्रम आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। उप कृषि निदेशक ने बताया कि आज नेशनल मिशन न एडिबल यल (आयॅलसीड्स) योजनान्तर्गत कृषक मेला एंवम कृषि सूचना तंत्र के सूदढीकरण, कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत जायद उत्पादकता गोष्ठी व मिलेटस (श्री अन्न) योजना के अन्तर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में दीप प्रज्जवनन कर कृषि रक्षा अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी एवंम उप कृषि निदेशक कार्यालय के वरिष्ठ प्राविधिक सहायक द्वारा कार्यक्रम का आरम्भ कराया गया। 

कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डा0 रीना द्वारा तिलहनी फसलो एवंम मिलटस फसलो की उत्पादन तकनीकी के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी, डा0 दीपक वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र बघरा द्वारा पशुपालन के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ पशुओ में होने वाले रोगो के सम्बन्ध में, रोगो के निदान के सम्बन्ध में तथा पशु प्रबन्धन के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। डा0 सविता आर्या प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र बघरा द्वारा मिलट्स (श्री अन्न) से तैयार किये जाने वाले खाद्य उत्पादो के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी कार्यक्रम में विषय वस्तु विशेषज्ञ सोमपाल सिंह द्वारा कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओ के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी।

विषय वस्तु विशेषज्ञ अरविन्द कुमार शर्मा द्वारा मिलेट्स उत्पादन, तिलहन एवं दलहन उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक के साथ-साथ मिलेट्स उत्पादन की तकनीकी की जानकारी व कृषक उत्पादक संगठन के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी तथा कृषको की कृषि से जुडी तकनीकी समस्याओ का निराकरण किया गया। उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी कपिल कुमार द्वारा कृषको की आय बढाने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। कृषि रक्षा अधिकारी यतेन्द्र सिंह द्वारा फसलो में होने वाले कीटो एवं रोगो के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ उनके निदान की जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम में कृषि निवेश आपूर्ति कर्ता कृषि यंत्र विक्रेता के साथ-साथ कृषक उत्पादक संगठनो द्वारा अपने उत्पादो की आकृषक प्रदर्शनी लगायी गयी। कार्यक्रम में कृषि विभाग के कर्मचारी अधिकारियों के साथ-साथ अत्यधिक मात्रा में कृषको द्वारा प्रतिभाग किया गया। 
कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक जसवीर सिह द्वारा कृषको से अनुरोध किया गया कि वे कार्यक्रम में दी गयी तकनीकी का लाभ उठाने के साथ-साथ अन्य कृषको भी इस सम्बन्ध में जानकारी दे, जिससे अन्य कृषक भी इस प्रकार प्रदान की गयी जानकारी का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर अपनी उत्पादन लागत कम कर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके।
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