बेटियां बेटियां बेटियां

मदन सुमित्रा सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

मां-बाप के नैनों तारा बेटी
सास ससुर की सहारा बेटी
दो कुटंबों की शान है बेटी
बेटों से भी महान है बेटी               
युग युग में तुम आना बेटी
सुखदुख  तु सह जाना बेटी
सबमें तुम रम जाना बेटी
 कभी देना नहीं उलाहना बेटी
सबमें तुम रम जाना बेटी
 कभी देना नहीं उलाहना बेटी
पांचवां सतंभ बन जाना बेटी
बनना ऐसी, याद करे जमाना बेटी
रहो खुश  मन से मत घबराना बेटी
 किसी का दिल मत दुखाना बेटी
पत्रकार एवं साहित्यकार शिलचर, असम

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