शि.वा.ब्यूरो, नई दिल्ली। केशव कल्चर के प्रणेता एवं विगत 55 वर्षो से आगरा में अधिवक्ता के पद पर सेवारत केशव देव शुक्ला ने दिल्ली निवासी सुरेश खांडवेकर को उनके अभूतपूर्व लेख साधना क्या है? एवं पुस्तक सदमे में सुदामा और ताले में जिंदगी का अवलोकन किया और सुरेश को शुभकामनायें देते हुए केशव कल्चर की गतिविधियों में उनकी सक्रियता और संस्था को पथ प्रदर्शन एवं नव ऊर्जा देने के लिए उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की।
बता दें कि केशव देव शुक्ला अस्वस्थता के चलते भी वर्तमान समय में बड़ोदरा से संस्था की गतिविधियों का अवलोकन कर रहे हैं। सर्वप्रमुख बात उनके धैर्य, लगन और अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा की है कि वह इतने अस्वस्थ होने पर भी, जबकि वे अस्पताल में ऑक्सीजन पर हैँ, सुरेश खांडवेकर की पुस्तक 'सदमे में सुदामा' पढ़ने का मोह संवरण न कर पाए। वे जीवन पर्यंत भारतीय संस्कृति के संरक्षण में लगे रहे। लेखक एवं ज्योतिषविद होने के साथ ही केशव परम संतोषी और शांत स्वभाव के धनी है।