गौरव सिंघल, देवबंद। नगर में तायल भवन पर शाश्वत फाउंडेशन द्वारा इलेक्शन फैस्टिवल को लेकर चाय पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संस्था के फाउण्डर अमित तायल ने कहा कि राजनीति जन सेवा का माध्यम है न कि व्यापार, आज के समय मे व्यक्ति यह सोचता है कि चुनाव मे अंधाधुंध पैसा खर्च करके उसके बाद वहीं से उस पैसे को कईं गुना वसूल करेगा।
उन्होंने कहा कि आज का चुनाव जाति व हिन्दू-मुस्लिम पर आधारित हो गया है, इसलिए नगर का विकास नहीं हो पा रहा है। आयकर-व्यापार कर अधिवक्ता नितिन मित्तल (संस्था सदस्य) ने कहा कि नगर की जनता के पास मनोरंजन का कोई साधन नहीं है, जनता चुनाव को ही मनोरंजन का साधन मानती है, पिछले पांच वर्षो में तो नगर की बुरी हालत हो गयी है। इस चुनाव मे जनता पढे-लिखे व अच्छे कार्य करने वाले पालिका अध्यक्ष और सदस्यों को चुने।
इंजीनियरिंग कॉलेज मे अध्यापक हिमांशु होरा ने कहा कि सड़क रेल (वार्ड नं0 4) जो की उनका ही वार्ड पडता है वह नगर का बहुत बडा वार्ड है, वहां पर नाले अटे पडे है, सड़कें टूटी पडी है और प्रकाश व्यवस्था का बुरा हाल है, नगर पालिका सदस्य व उनके प्रतिनिधि ढूंढने से भी नहीं मिलते है। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता मुस्कान शर्मा व वरिष्ठ महिला अनीता रानी ने कहा कि जो भी नगर पालिका अध्यक्ष और सदस्य चुनकर आये वो अनुभवी, सरल, सहज स्वभाव वाले हो और नगर के विकास का मॉडल उनके दिमाग में हो। पिछले 50 वर्षो से नगर की हालत को हम ऐसा ही देख रहे है। वार्ड 11 के सदस्य रजत धवन ने कहा कि नगर में व्यापारी की कोई सुध नहीं ले रहा है, प्रशासन का बुरा हाल है, योगी जी की योजनाओं का लाभ जनता तक नही पहुंच पा रहा है।
मौहल्ला कायस्थवाडा के शुभम मंगल व विक्रान्त सिंघल व्यापारी ने कहा कि हमारे वार्ड सभासद तो चुनाव जीतकर अर्न्तघ्यान हो गये है, जो आज तक प्रगट नहीं हुए है। व्यापारी संजीव जैन ने कहा कि विधायक के पास बोलने की बहुत अच्छी कला है परन्तु काम कराने की नहीं है, जबकि योगी जी बहुत अच्छा कार्य कर रहे है। मनोज सिंघल ने कहा कि पिछले पांच सालों में देवबंद नगर में सभासदों और पालिका अध्यक्ष ने कोई भी काम नहीं कराया है। सिंघल ने कहा कि वोटिंग वाले दिन जो लोग नगर देवबंद को छोड़कर चले जाते हैं उनका लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है। उमंग शर्मा, केशव अग्रवाल, मयूर गर्ग, सावन, अन्नू अग्रवाल और बिट्टू वर्मा आदि ने भी चाय पर चर्चा में अपने विचार प्रकट किए।