शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा लाला जगदीश प्रसाद सरस्वती विद्या मन्दिर में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के अंतर्गत प्रोजेक्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार ने कहा कि शिक्षकों का कर्तव्य विद्यार्थियों को जिज्ञासु व उत्साही बनाना है। उन्होंने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक संस्कार होने के साथ साथ प्रकृति, समाज व राष्ट्र के प्रति भी सवेंदनशीलता भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान को समझना या समझाना है, तब विज्ञान को दैनिक जीवन से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि आज भारत सहित लगभग सम्पूर्ण विश्व मे शुगर व अन्य बीमारियां अपेक्षाकृत ज्यादा विकराल रूप ले रही है, जिसका मुख्य कारण हमारे खान पीन का असंतुलित होना है। मुख्य रिसोर्स पर्सन प्रधानाचार्य डॉ. विकास कुमार ने कहा कि प्रतियोगिता में बाल वैज्ञानिकों ने अपने आस-पास की समस्या को चिन्हित किया। उन्होंने कहा कि उस समस्या से सम्बंधित आंकड़े एकत्र कर उनका विश्लेषण कर निष्कर्ष प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि बच्चों ने लघु शोध कर समस्या को जाना, जिससे उनमें शोध करने की प्रवत्ति उत्पन्न करने का सराहनीय प्रयास विज्ञान शिक्षकों द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम प्रभारी डॉ रणवीर सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में स्वास्थ्य कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना मुख्य विषय पर जूनियर वर्ग में 45 व सीनियर वर्ग में 58 प्रोजेक्ट का प्रदर्शन विभिन्न विषयों को ले कर किया गया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर चयनित विद्यार्थी राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे।
उन्होंने कहा कि रिशु, शिवांश धीमान, हर्ष गर्ग, कनिष्का गोयल, तनिस राज, आशीष, ज्येष्ठी वर्मा, माही, कनिका, शगुन आदि सहित 228 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में महेश कुमार, कुलदीप कुमार, आशीष द्ववेदी, सतेंद्र कुमार, अभिषेक गर्ग, राजीव राठी, दीप चंद, राखी कौशिक आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं का सहयोग रहा।