राह तुमको ढूंढ लेंती हैं
विनय सिंह विनम्र, शिक्षा वाहनी समाचार पत्र।
राहों को नहीं तुम,
राह तुमको ढूंढ लेंती हैं
ये दूनियां है यहाँ पर 
मांगनें से कुछ नहीं मिलता
प्रबलतम ठोकरों का 
विघ्न सह लो तुम यहाँ हंसकर
ये जीवन पुष्प बिन 
संघर्ष के बिल्कुल नहीं खिलता।
चन्दौली, उत्तर प्रदेश
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