डॉ अ कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
अमावस्या की गहन रात्रि में,
आशाओं के दीप जलाकर,
इस धरती पर स्वर्ग बनाएं,
आओ एक इतिहास रचाएं ।
एक बालक को शिक्षित करके,
शिक्षा का एक दीप जलाकर,
शिक्षित भारत देश बनाएं,
आओ एक इतिहास रचाएं।
इस धरती पर वृक्ष लगाकर,
इस माँ को गहने पहनाकर,
प्रदुषण को दूर भगाएं,
आओ एक इतिहास रचाएं।
युद्ध उन्मादी लोगों को भी,
शान्ति का हम पाठ पढ़ाकर,
विश्व विजय अभियान चलायें,
आओ एक इतिहास रचाएं।
निस्वार्थ भाव से मानव सेवा,
मानवता आधार बनाकर,
दीन दुखी का दर्द मिटायें,
आओ एक इतिहास रचाएं।
संस्कृति का सार जानकर,
आयुर्वेद की बात मानकर,
रोग मुक्त समाज बनाएं,
आओ एक इतिहास रचाएं।
अब दमा दम का रोग नहीं है,
पूर्व जन्मों का भोग नहीं है,
दमा रोग को जड़ से मिटायें,
आओ एक इतिहास रचाएं।
माँस -मदिरा, क्रोध त्यागकर,
तमस भाव को दूर भगाकर,
दमा एलर्जी दूर भगाएं,
आओ एक इतिहास रचाएं।
पथरी भी कोई रोग नहीं है,
कुदरत का संयोग नहीं है,
खान पान से इसे भगाएं,
आओ एक इतिहास रचाएं।
मानव सेवा धर्म बनाएं,
सात्विकता जीवन में लायें ,
जात पात का भेद मिटाकर,
आओ एक इतिहास बनाएं।
दीपावली के पावन अवसर पर,
धरती को रोशन करने को,
नन्हे नन्हे दीप जलाएं,
आओ एक इतिहास रचाएं।
शुभकामनाओं के आदान प्रदान में,
उपहारों का बोझ घटाएं,
मितव्यता का सन्देश फैलाकर,
आओ एक इतिहास रचाएं।
विद्या लक्ष्मी निकेतन 53 -महालक्ष्मी एन्क्लेव ,मुज़फ्फरनगर