शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मैसर्स जी0सी0 इन्टरनेशनल द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के अन्तर्गत मौहल्ला किदवईनगर सहित जनपद की अन्य नगरीय निकाय क्षेत्र में उत्सर्जित होने वाले कूडे के निस्तारण हेतु वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट की स्थापना हेतु समीक्षा बैठक आयोजित की गयी, जिसमें अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने अवगत कराया कि जनपद में वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट की स्थापना हेतु मैसर्स जीसी इन्टरनेशनल एवं नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर के मध्य वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट की स्थापना हेतु अनुबन्ध किया जा चुका है।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट में 750 टन ठोस अपशिष्ट एवं 300 टन प्लास्टिक अपशिष्ट का प्रबन्धन कर 30 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन के सम्बन्ध में अनुबन्ध किया गया है। अनुबन्ध के आधार पर नगर पालिका परिषद द्वारा प्रस्तावित किदवई नगर में उपलब्ध कुल 28.466 हैक्टेयर अर्थात 284660 वर्ग मीटर भूमि पर वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट स्थापित होना है। उन्होंने बताया कि उक्त भूमि का राजस्व विभाग तथा कम्पनी के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे किया गया, जिसमें उक्त प्लान्ट की भूमि तक जाने हेतु सडक तथा काली नदी पर ब्रिज (पुल) बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने बताया कि वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट की भूमि पर पहॅुंचने हेतु काली नदी पर ब्रिज (पुल/सेतु) निर्माण तथा काली नदी पर ब्रिज तक पहॅुच मार्ग निर्माण कार्य हेतु अधिशासी अभियन्ता, निर्माण खण्ड-1, लोनि विभाग द्वारा डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत किया गया है, जिसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट हेतु कुल उपलब्ध भूमि की बाउड्रीवाल भी नगर पालिका परिषद द्वारा कराया जाना है।
जिलाधिकारी ने मैसर्स जीसी इन्टरनेशनल कम्पनी के प्रतिनिधि को अवगत कराया कि वेस्ट-टू-एनर्जी प्लान्ट की भूमि पर पहुचने हेतु काली नदी पर ब्रिज (पुल/सेतु) निर्माण तथा काली नदी पर ब्रिज तक पहॅुच मार्ग निर्माण कार्य एवं प्लाट की भूमि पर बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नगर पालिका परिषद के पास इतनी धनराशि नही है, जिस कारण काली नदी पर ब्रिज (पुल/सेतु) निर्माण तथा पहुच मार्ग निर्माण कार्य एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य कराये जाने में कठिनाई हो रही है।