डाॅ.केएस भौज्ञान, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नाम पर नगर के एक मार्ग का नामकरण करके जैन कीर्ति स्तम्भ के निकट स्मृति स्वरूप नगर पालिका द्वारा लगाया गया शिलापट काफी समय से गुम है। इस शिलापट का किसी को कुछ भी पता नहीं है। स्थानीय लोगों ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर केवल इतना ही बताया कि कीर्ति स्तम्भ के निकट वाली पुलिया पर यह शिलापट लगा हुआ था, जो कि किसी ने रात के अंधेरे में गायब कर दिया है।
बता दें कि नगर में पैंठ रोड के नाम से प्रख्यात् जीटी रोड से शुरू होने वाले इस मार्ग के पूर्वी छोर पर जैन कीर्ति स्तम्भ है। इसके निकट से एक नाला गुजरता है। बात लगभग दो दशक पहले की है, जब नगर में तत्कालीन नगर विकास मंत्री सतीश महाना आए हुए थे और इसी मार्ग पर उन्हें भवानी मार्ग का लोकार्पण करना था। इससे पूर्व स्थानीय शुगर मिल के गेस्ट हाउस में मंत्री सतीश महाना की प्रेसवार्ता चल रही थी। प्रसंगवश प्रकरण के दौरान मलबे मे पड़े स्वर्गीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री मार्ग सम्बन्धी शिलापट की उपेक्षा का प्रश्न सामने आया, जिसे महाना ने गंभीरता से लिया और कार्यक्रम में मौजूद तत्कालीन जिलाधिकारी विनोद शंकर चैबे को प्रकरण की सच्चाई जानने को कहा। इसके बाद पहले नाले की पुलिया के पास पड़े मलबे में पड़े लालबहादुर शास्त्री मार्ग के शिलापट को लगाया गया और बाद में भवानी मार्ग का लोकार्पण किया गया।
अब स्थिति फिर वही है, उस समय तो शिलापट्ट कूड़े के ढ़ेर में लावारिस मिल भी गया था, लेकिन अब दो दशक पहले लगाया गया यह शिलापट कहां है, कुछ पता नहीं है। कांग्रेस के जिला महामंत्री ब्रजभूषण शर्मा व जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व जिला प्रमुख हकीम जफर महमूद ने बताया कि इस सम्बन्ध में पालिका अध्यक्ष समेत एसडीएम खतौली को भी अवगत कराया जाएगा और शिलापट लगाने की मांग की जाएगी। नगर के ही सरदार राजेंद्रपाल सिंह, डाॅ. रविन्द्र, मुकेश शर्मा सहित अनेक नगरवासियों की मांग है कि आगामी दो अक्टूबर से पहले शिलापट अवश्य लगाया जाना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार खतौली (मुजफ्फरनगर) उत्तर प्रदेश