हाई स्कूल हुई अब दारूल उलूम में छात्रों के प्रवेश की योग्यता

 

गौरव सिंघल, देवबंद। उत्तर प्रदेश के सभी मदरसा संचालक राज्य सरकार और प्रशासन को जांच में पूरा सहयोग करे और यदि उनके मदरसों में किसी तरह की कोई कमी-खामी है तो उसे समय रहते जल्द से जल्द दुरूस्त करे। दारूल उलूम की रशीदिया मस्जिद में रविवार को प्रातः साढे नौ बजे से दो घंटे चले मदरसो की बैठक में गहरे विचार-विमर्श के बाद तय किया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर जारी मदरसों के सर्वें में कुछ भी आपित्तजनक नहीं है। मदरसों के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। मदरसों के संचालकों को अपने मदरसों का प्रबंधक कानून के मुताबिक करना चाहिए और वित्तीय मामलों में पूरी सूचिता एवं पारदर्शिता बरती जानी चाहिए।  उसका सीए द्वारा वार्षिक आडिट कराया जाना चाहिए। 
दारूल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी  की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उत्तर प्रदेश के 250 मदरसा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का संचालन संयोजक मौलाना शौकत बस्तवी ने किया। बैठक में संस्था केे सदर मुदर्रिस मौलाना अरशद मदनी और मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने ही विचार रखे। मौलाना मदनी ने अपने लंबें संबोधन में मदरसे की आजादी के आंदोलन में अदा की गई महत्वपूर्ण भूमिका और स्वतंत्र भारत में इस्लामिक शिक्षा के क्षेत्र में उनके शानदार योगदान का उल्लेख किया। देवबंदी मदरसों ने सभी तरह के आतंकवाद का बुलंद आवाज में विरोध किया और छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनने और शांतिपूर्ण एवं सद्भाव के साथ रहने की शिक्षा दी। जिसकी समय-समय पर सरकार और प्रशासन ने सराहना की।
बैठक में निर्णय लिया गया कि मदरसे संचालक भूमि के स्वामित्व और भवन मिर्नाण के नक्शें आदि सभी जरूरी प्रमाण अपने पास रखे और जांच समिति के सामने पेश करे। बिजली, पानी, भोजन, स्वच्छता, पर्यावरण, शौचालय, फर्नीचर आदि की अच्छी व्यवस्था करें। मदरसा संचालक जांच समिति को सभी सूचनाएं देने का काम करे। कुछ भी न छिपाए और जो कमी-खामी है। उसको जल्द से जल्द दुरूस्त करने का भरोसा दे और अपने मदरसों का पंजीकरण कराए। सभी मदरसें कानून और नियमों का पालन करे और अनियमितताओं को दूर करे। बैठक में किसी भी प्रतिनिधि ने न तो कोई सवाल किया और न ही कोई सुझाव रखा। 
प्रेस ब्रीफिंग में मुफ्ती नोमानी एवं मौलाना मदनी ने दो टूक कहा कि पहले हमें राज्य सरकार की मंशा पर कुछ संदेह था, लेकिन अभी तक हुए मदरसों की जांच से वह संदेह पूरी तरह से दूर हो गया है। जांच में किसी भी मदरसे के साथ कोई एतराज वाली बात सामने नहीं आई है, इसलिए हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते है। बैठक में दारूल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी एवं मुफ्ती मोहम्मद राशिद, नायब मोहतमिम  मौलाना शौकत बस्तवी आदि मौजूद रहे। प्रेस कान्फ्रेस में प्रवक्ता अशरफ उस्मानी भी मौजूद रहे।

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