सहकारी ऋण जमा करने हेतु एक-मुश्त समाधान योजना 30 सितम्बर तक

गौरव सिंघल, सहारनपुर। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता विजय प्रकाश वर्मा द्वारा अवगत कराया गया है कि सहकारिता विभाग में प्रारम्भिक कृषि सहकारी ऋण समितियों (पैक्स) द्वारा अपने सदस्यो को अधिकतम एक वर्ष के लिये अल्पकालीन ऋण दिया जाता है, इसके अतिरिक्त उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक की जनपद में स्थित 06 शाखाओं द्वारा कृषकों को मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण प्रदान किया जाता है। यद्यपि कृषकों द्वारा समय से ऋण अदा करने पर उन्हें ब्याज पर अनुदान प्राप्त होता है, परन्तु अपरिहार्य कारणों से कृषकों द्वारा समय-समय पर कभी-कभी ऋण अदा नही किया जाता है जिसके कारण उनके ऊपर ब्याज की धनराशि आच्छादित हो जाती है। ऐसे कृषकों को बकाया जमा करने हेतु विभाग ने एक-मुश्त समाधान योजना संचालित की है जो 30 सितम्बर 2022 को समाप्त हो रही है।

जनपद में कुल 26099 सदस्यों पर 15951.70 लाख रूपये की धनराशि आच्छादित है। उपर्युक्त योजनान्तर्गत कृषक द्वारा अपना बकाया ऋण जमा करने पर 1997 से पूर्व के फसली ऋणों में कृषक द्वारा लिये गये वास्तविक मूलधन में से बचे अवशेष मूलधन को जमा करके ओटीएस का लाभ दिया जायेगा। 1997 से पूर्व के फसली ऋणों में कृषक द्वारा लिये गये वास्तविक मूलधन में से बचे अवशेष मूलधन को जमा करके ओटीएस का लाभ दिया जायेगा।1997 से 31 मार्च 2012 के मध्य वितरित फसली ऋण में कृषक को दिये गये मूलधन तथा मूलधन के बराबर ब्याज की वसूली करके ओटीएस का लाभ दिया जायेगा। 01 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के मध्य वितरित फसली ऋण जो तीन वर्ष से अधिक बकाया है, में बकायेदार के ऊपर आयात ब्याज में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान कर ओ0टी0एस0 का लाभ प्रदान किया जायेगा।
वर्तमान में उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक द्वारा वितरित मध्यकालीन ऋण एवं दीर्घकालीन ऋण के सम्बन्ध में जनपद में 4782 किसानों पर 13366.82 लाख रू0 की धनराशि ओटीएस योजनान्तर्गत आच्छादित है। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु अपनी निकट की सहकारी समिति, जिला सहकारी बैंक शाखा, एवं उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक की शाखा में सर्म्पक कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। सभी कृषक उपर्युक्त योजना का लाभ उठायें। 

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