राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
जीवन मृत्यु का भेद
तुमको कुछ बतलाऊंगा।
हो सका तो तुमको
सच्चा जीवन निर्वाह सिखलाऊंगा।
क्षणभर का जीवन
क्षणभर की मृत्यु
फिर भी
तुमको कुछ बतलाऊंगा।
भेदभाव की नीव
जो रखी तुमनें
उसको भी एक दिन मिटाऊंगा।
धर्म के नाम पर
अधर्म तुम करते हो
धर्म की परिभाषा भी तुम
अपनी मर्जी से बदलते हो,
तुमको सच्चा धर्म
एक दिन जरूर सिखलाऊंगा।
तुमको कुछ बतलाऊंगा।
हो सका तो तुमको
सच्चा जीवन निर्वाह सिखलाऊंगा।
क्षणभर का जीवन
क्षणभर की मृत्यु
फिर भी
तुमको कुछ बतलाऊंगा।
भेदभाव की नीव
जो रखी तुमनें
उसको भी एक दिन मिटाऊंगा।
धर्म के नाम पर
अधर्म तुम करते हो
धर्म की परिभाषा भी तुम
अपनी मर्जी से बदलते हो,
तुमको सच्चा धर्म
एक दिन जरूर सिखलाऊंगा।
भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश