संत स्वामी मंगलगिरी ने नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने समेत कई मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया


गौरव सिंघल, देवबंद। जूना अखाड़ा हरिद्वार के संत स्वामी मंगलगिरी ने नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने एवं देवबंद के जड़ौदा जट में  रेलवे हाल्ट बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही से ऐसा लगता है कि अब संतो को नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए बलिदान देना होगा। 
इससे पूर्व उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा था कि वह पिछले करीब 30-40 वर्षों से हिन्डन नदी कृष्णा नदी को साफ व स्वच्छ बनाने तथा करीब 50 वर्षो से जडौदाजट्ट गांव के पास रेलवे हाल्ट बनाने के लिये प्रयासरत है। लेकिन लगता है मेरे जीते जी यह कामना कभी पूरी नही होगी, शासन प्रशासन व नई दिल्ली सरकार द्वारा बार बार आश्वासन दिये जाने पर भी आज तक न तो नदियां स्वच्छ हुई और न ही रेलवे हाल्ट बना। उन्होंने कहा था अब मैं बहुत दुखी हूं, कई बार अनशन पर बैठ चुका हू लेकिन झूठे आश्वासन देकर मुझको अनुमान से उठा दिया जाता है, लेकिन अब में पुनः अनशन नहीं बल्कि अब आमरण अनशन पर जडोदाजट्ट के पास स्थित मेन जीटी-रोड यादगार (शाकुम्भरी देवी मन्दिर) पर आमरण अनशन पर बैठ रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह मेरी साधु हट है जब तक उपरोक्त कार्य पूर्ण नही होगा मैं आमरण अनशन पर बैठा रहूंगा चाहें मेरी जान ही क्यों न चली जाये। 
स्वामी मंगलगिरी के आमरण अनशन पर बैठने के बाद अधिकारियों और नेतागण लगातार उनसे संपर्क साध रहे हैं और उनको आश्वासन दिया जा रहा है कि जल्दी ही सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी। स्वामी मंगलगिरी 
 हिडन एवं कृष्णा नदी को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए लंबा संघर्ष कर चुके है।

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