गौरव सिंघल, सहारनपुर। राज्य सूचना आयुक्त नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सर्किट हाउस सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अन्तर्गत प्रकरणों की समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में राज्य सूचना आयुक्त नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस एक्ट का उद्देश्य पारदर्शिता लाना है। इसको समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए तथा सभी विभागों का उद्देश्य प्रकरणों को समय से निस्तारित करना होना चाहिए।
इस अवसर पर सर्वप्रथम राज्य सूचना आयुक्त द्वारा एक्ट के वजह से आने वाली समस्याओं एवं सुझावों के बारे प्रथम अपीलीय अधिकारी, जन सूचना अधिकारियों से पूछा। विभिन्न सुझावों के क्रम में उन्होने कहा कि पहली नोटिस के साथ 6(1) एवं 19(3) आयोग द्वारा भेजा जाएगा। अधिकारियों द्वारा उठायी गयी एक समस्या जिसके तहत एक विभाग के कई मामले होने पर निरन्तर आयोग बुलाये जाने के क्रम में उन्होने कहा कि इस व्यवहारिक दिक्कत के लिए विभाग के कई मामले एक साथ लगाकर एक ही दिन में सुनने पर विचार किया जाएगा। उन्होने अर्थदंड वसूली में प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि जन सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति सूचना मांगता है तो उसका निर्धारित समय के अंदर जवाब जरूर दिया जाए। इसके साथ ही साथ उन्होने जन सूचना अधिकारियों से कहा कि प्रारूप 3 का रजिस्टर अवश्य बनाएं तथा आर0टी0आई0 के तहत मामले को 05 दिन के अंदर संबंधित को अंतरित कर दें। अंतरण में देरी होने पर दण्ड लगाया जायेगा। सूचना आयोग में जन सूचना अधिकारी यदि उपस्थित नहीं हो पाते तो सक्षम व्यक्ति को भेजा जाना चाहिए जो कि यथास्थिति से अवगत करा सके।