सरकारी चूक का खामियाजा भुगत रहा पीड़ित
शि.वा.ब्यूरो, खतौली। जिंदा व्यक्ति को मृत दर्शाकर वृद्ध व्यक्ति की पेंशन रोक दी गई। पीड़ित व्यक्ति वर्षों से काट रहा है चक्कर। पीड़ित की मदद की लिए आप नेता ने ली जिम्मेदारी दिलाया न्याय का भरोसा। सरवर पुत्र बूंदू निवासी शीतलानगर की वृद्धावस्था पेंशन एक वर्ष पूर्व समाज कल्याण अधिकारी के आदेश पर इसलिए रोक दी गई कि लाभार्थी सरवर को सत्यापन में मृत दर्शा दिया गया था।
पीड़ित के अनुसार 3 सितंबर 2020 को समाज कल्याण अधिकारी द्वारा ब्रांच मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक घंटाघर खतौली को भेजे गए पत्र में वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थी को मृत दर्शाया था, जबकि उक्त व्यक्ति जिंदा है और सरकारी चूक का खामियाजा पीड़ित को भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पीड़ित का बैंक खाता भी फ्रीज करा दिया गया है, जिस कारण वह अपनी पहले से पड़ी रकम भी नहीं निकाल पा रहा है।
पीड़ित वृद्ध को न्याय दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी के विधान सभा अध्यक्ष आगे आए और संबंधित पत्र के साथ तहसील दिवस में शिकायत दर्ज कराई। पेंशन हेतु पीड़ित का ऑनलाइन आवेदन भी आप नेता ने अपने खर्चे से कराया। कुलदीप तोमर का कहना है उत्तर प्रदेश सरकार की जनकल्याण की योजनाओं का ढिंढोरा पीटा जाता है जबकि सच्चाई ये है कि एक 500 रुपए महीना की पेंशन के लिए लाभार्थी को वर्षों तक भटकना पड़ता है। जनकल्याण व गरीबों के प्रति योगी सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। लोग सरकार के झूठे विज्ञापनों से दुखी है। सरकारी अधिकारियों को लापरवाही की कोई सजा नहीं मिलती बल्कि पीड़ित को ही नुकसान उठाना पड़ता है।
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