हिन्दू धर्म के अनुसार मंगलवार का दिन भगवान श्री हनुमान को समर्पित है। इस दिन मंदिरों में हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। मंगलवार के दिन श्रद्धालु व्रत भी करते हैं।
नारद पुराण के अनुसार मंगलवार का व्रत करने से भय और चिंताओं का तो अंत होता ही है साथ ही शनि की महादशा या साड़ेसाती से हो रही परेशानी भी खत्म हो जाती है।
मंगलवार के दिन प्रातः काल उठ कर नित्य-क्रम करके, स्वच्छ जल से स्नान करें। यदि हो सके तो व्रत के दिन लाल वस्त्र पहने। लाल रंग हनुमार जी का प्रिय रंग माना जाता है। जहाँ पर पूजा करनी हो, उस स्थान को साफ करके गंगा जल से पवित्र कर लें। लाल चावलों से अष्ट दल कमल पुष्प का रेखाचित्र बनाएं, इस कमल पुष्प पर भगवान श्री हनुमान जी का प्रतिमा रखें, फिर पत्नी सहित मंगल देवता का पूजन करें।
शुद्ध मन से दोनों हाथ जोड़कर हनुमान जी का ध्यान करें एवं पूरे भक्तिभाव से हनुमान जी के सामने बैठकर ज्योति जलाने के बाद हनुमान चालीसा या सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए। उनके इक्कीस नामों का जप करें हो इस प्रकार हैं –
मंगल
महके
लोहिताक्ष
अंगारक
वृश्तिकर्ता
स्थिरासन
कुज
सर्व रोग हरनकर्ता
भौम
लोहित
सामगानंकृपाकर
सर्वकामार्थसाधक
पापहर्ता
धनप्रदा
भूमिपुत्र
धरात्मज
यम
सर्व कर्म फलदाता
भूमिजा
अभिनन्दन
ऋणहर्ता
इन इक्कीस नामों का जाप करते हुए हनुमान जी से सुख सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें। थोडा जल हाथ में लेकर मूर्ति पर छिडके। अब लाल वस्त्र अर्पित करें, फिर लाल चन्दन, लाल रोली चढ़ाएँ। अब चार मुख वाले दीप को जला कर भगवान के पास रखें, चारों बत्तियाँ चारों दिशाओं से उज्जवल भविष्य और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतिक होती है। लाल फूल चढ़ाएँ, लड्डुओं तथा नैवेद्य का भोग लगायें, धूप अर्पित करें, थोड़ा जल ले कर मूर्ति पर छिड़कें।