शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त कलेन्डर के अनुसार जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव शर्मा के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफफरनगर की ओर से पूर्वी पाठशाला में अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सलोनी रस्तोगी द्वारा शिविर में उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनके संवेधानिक व विधिक अधिकारों की जानकारी दी गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सलोनी रस्तोगी ने बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता पिता का भरण पोषण नही किया जाता है तो उसके विरूद्ध भरण पोषण हेतु मुकदमा योजित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी प्रकार की कानूनी सहायता की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से निः शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकट, हवाई टिकट, में छूट मिलती है। सलोनी रस्तोगी ने बताया कि न्यायालयों में लम्बित मुकदमों में वृद्धजनों के मुकदमों को वरीयता के आधार पर सुना जाता है। माता पिता व वरिष्ठ नागरिको का भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत बच्चों की विधिक जिम्मेदारी है कि अपने माता पिता का भरण पोषण व देख भाल करना। अपने माता पिता का त्याग व उपेक्षा करने पर तीन माह की कैद व 5000/- रूपये का जुर्माना हो सकता है, जिसे बढाकर 6 माह व 10000/-रूपये करने की बात की जा रही है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने बताया कि बेटा - बेटी, पोता, पोती, के साथ साथ बहु व दामाद को भी भरण पोषण के लिए उत्तरदायी बनाये जाने की बात की जा रही है। वृद्धजनों व माता पिता की मृत्यु के पश्चात पितृ विसर्जन व श्र्राद करने से क्या फायदा? यदि जीवित रहते हुए उनकी सेवा नही कर पाये। हमें बुजुर्गों की संगति करनी चाहिए, क्योकि बुजुर्गो के चेहरे की एक एक झुर्री पर हजार हजार अनुभव लिखे होते है। उनके कापते हुए कदम और मुर्झाया हुआ चेहरा संदेश देता है कि जो कुछ भी करना है, वह आज, अभी और इसी वक्त कर लो। कल कुछ भी नही कर पाओगे। बूढा व्यक्ति इस पृथ्वी का सबस बडा शिक्षालय है, क्योकि उसे देखगर उगते सूरज की डूबती कहानी का बोध होता है और एक हम सभी को इसी ओर जाना है। कार्यक्रम का संचालन होती लाल शर्मा एडवोकेट ने किया। उन्होंने बताया कि हमारे बुर्जुग व माता पिता हमारे परिवार व समाज की नींव है, हमें इनका सम्मानकरना चाहिए। सदस्य किशोर न्याय बोर्ड बीना शर्मा ने कहा कि हमें अपने नैतिक मूल्यों को बचाने के लिए बेटो को जागरूक करना चाहिए कि वे दूसरों की बहन व बेटी क साथ वैसा ही व्यवहार करें, जैसा कि वे अपनी बहन बेटी के साथ दूसरों से चाहते है।
इस अवसर पर डा0 सविता डबराल, बेसिक शिक्षा अधिकारी नगर, हिमानी, सहायक अध्यापिका, शहनाज बानो सहायक अध्यापिका, विनोद चौहान, शशि गोयल, आदि उपस्थित रहें।