शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। किसान व कृषि से सम्बंधित कार्य करने वाले सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में फसलों के उत्पादन हेतु जुताई, गुड़ाई, सिंचाई, कटाई आदि जैसे कार्याें में लगे रहते हैं। कृषि कार्यों में लगे ऐसे परिवारों के साथ कभी-कभी ऐसी दुर्घटनाएं हो जाती हैं कि जीविकोपार्जन करने वाले सदस्य की मृत्यु एवं अपंगता हो जाती है। ऐसी स्थिति में कृषक या कृषि कार्य करने वाले का परिवार आर्थिक संकट में आ जाता है। किसानों, गरीबों की इन्ही स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार ने कृषक हित में मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना को प्रदेश में लागू किया है। जिससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य उ0प्र0 के किसानों और कृषि कार्य में लगे कमजोर वर्ग के लोगों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी एवं 18 वर्ष से 70 वर्ष आयु के समस्त कृषक असीमित आय सीमा अथवा भूमिहीन कृषक, कृषि से संबंधित क्रियाकलाप करने वाले ग्रामीण क्षेत्रों अथवा शहरी क्षेत्रों के निवासी जिनकी पारिवारिक आय रु0 75 हजार प्रति वर्ष से कम हो, को इस योजनान्तर्गत आच्छादित किया गया है। किसान विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं रेल, रोड, वायुयान से दुर्घटना, किसी भी टकराव, गिरने के कारण चोट, गैस रिसाव, सर्प काटने, बिच्छू, नेवला, छिपकली काटने से मरना, सिलेण्डर फटने के कारण दिव्यांगता या मृत्यु, विस्फोट, कुत्ता काटने, जंगली जानवरी के काटने से मरना, जलना, डूबना, बाढ़ में बह जाना किसी भी प्रकार से हाथ पैर कट जाना एवं विषाक्तता आदि दुर्घटना का शिकार हो जाने से परिवार के मुखिया/रोटी अर्जक की मृत्यु हो सकती है या उसे दिव्यांग बना सकती हैं। यह योजना आर्थिक सहायता एवं चिकित्सा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में मुखिया/रोटी अर्जक को अतिकतम 05 लाख रुपये तथा दुर्घटना उपरान्त चिकित्सा सुविधा के अन्तर्गत मुखिया/रोटी अर्जक तथा परिवार के सदस्यों को अधिकतम 2.50 लाख रुपये तथा आवश्यकतानुसार कृत्रिम अंग की उपलब्धता हेतु अधिकतम 01 लाख रुपये की धनराशि सहायता हेतु प्रदान की जाती है।