इंजीनियर्स डे (15 सितंबर) सेवानिवृत्त परमाण इंजीनियर ने ली शपथ सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए अधिकतम बिजली उत्पादन करते रहेगें

शि.वा.ब्यूरो, रावतभाटा (राजस्थान)। सेवानिवृत्त परमाणु इंजिनियर दिलीप भाटिया ने कहा कि परमाणु बिजली घर पूर्णतया सुरक्षित हैं, ये बिजली का उत्पादन करते हैं और परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद के सभी नियमों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सर्वप्रथम प्राथमिकता है। विकिरण रेडिएशन सीमित निर्धारित सीमा में ही रहे इसका पूरी सतर्कता सावधानी से ध्यान रखना परमाणु बिजली घर में कार्य कर रहे प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है।

सेवानिवृत्त परमाणु इंजिनियर दिलीप भाटिया ने कहा कि इस समय भारत में 22  परमाणु रिएक्टर 6780 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता रखते हैं। इस वर्ष के अंत के पहले गुजरात की काकरापार संयंत्र की तीसरी इकाई से उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। यह देश की पहली इकाई होगी जो 700 मेगावाट बिजली उत्पादन करने लगेगी। हर परमाणु बिजली घर स्थल पर स्वतंत्र एवम् निष्पक्ष रूप से संचालित पर्यावरण सर्वेक्षण प्रयोगशाला सुनिश्चित करती है कि विकिरण की मात्रा वायु जल भूमि खाद्य पदार्थ इत्यादि में तकनीकी मापदंडों के अंदर ही रहे एवम् आस पास निवास कर रही जनता के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हो। भारत के सभी परमाणु बिजली घरों का सुरक्षा रिकॉर्ड उत्तम है।

उन्होंने बताया कि रावतभाटा राजस्थान तारापुर महाराष्ट्र नरोरा उत्तर प्रदेश कलपक्कम तमिलनाडु कैगा कर्नाटक काकरापार गुजरात कुडनकुलम तमिलनाडु में 22 इकाइयां बिजली उत्पादन कर रोशनी प्रदान कर रहीं हैं। निर्माणाधीन परियोजनाएं भी समय से पूर्ण होकर उत्पादन परिवार में सम्मिलित हो जाएंगी। कई नई परियोजनाओं पर कार्य की योजना बनाई जा रही है। आज इंजीनियर्स डे पर हम सभी कार्यरत एवम् सेवानिवृत्त इंजिनियर संकल्प लेते हैं कि हम सब सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए अधिकतम बिजली उत्पादन कर भारत माता की सेवा करते रहेगें।

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